क्रम
प्रतिबद्ध हूँ .......................................... 15
पछाड़ दिया मेरे आस्तिक ने ................... 17
कल्पना के पुत्र हे भगवान............................................. 19
थकित चकित-भ्रमित भग्न मन ................ 21
रहा उनके बीच मैं ................................. 22
जी हाँ, लिख रहा हूँ ............................... 23
वातें ................................................... 24
वो हमें चेतावनी देने आए थे .................. 25
सिंदूर तिलकित भाल ............................... 28
वह दंतुरित मुस्कान ............................... 30
तन गई रीढ ........................................... 31
यह तुम थीं ................................................ 32
सुबह-सुबह ............................................ 32
गुलाबी चूड़ियाँ ..................................... 33
खुद्दूरे पैर ......................................... 35
घिन तो नहीं आती है? ............................ 36
गीले पाँक की दुनिया गई है छोड़ ............37
'शालवनों के निबिड़ टापू में .................... 39
लालू साहू ........................................... 41
तेरी खोपड़ी के अंदर ............................. 42
चंदू, मैंने सपना देखा ............................ 46
नेवला .............................................. 47
मुर्गे ने दी बाँ ................................. 56
ध्यानमग्न वक-शिरोमणि .................. 57
बाघ आया उस रात ........................... 58
इन सलाखों से टिकाकर भाल ........... 59
क्रंदन भी भा सकता है .................... 59
उनको प्रणाम! ................................. 60
लू-शुन ........................................... 62
बर्तोल्त ब्रेख्त ................................. 62
☐ ☐
बादल को घिरते देखा है ................... 66
बरफ पड़ी है! ................................... 67
ऋत-संधि ......................................... 68
मेघ बजे ........................................... 69
घन-कुरंग ........................................ 70
फूले कदंब ........................................ 70
अब के इस मौसम में ....................... 71
बहुत दिनों के बाद .......................... 72
मेरी भी आभा है इसमें ...................... 73
फसल ................................................ 74
नीम की दो टहनियाँ ........................ 75
सिके हुए दो भुट्टे ............................ 76
फिसल रही चाँदनी ............................ 76
जान भर रहे हैं जंगल में .................. 77
शिशिर की निशा ............................... 78
पिछली रात ...................................... 79
भर रहा है चमक ............................... 80
पैने दाँतोंवाली ................................. 81
काले-काले ...................................... 81
बच्चा चिनार ................................... 83
सोनिया समंदर ............................... 83
हिम शुभ्र पठारों पे रहा है ................. 84
डियर तोताराम ................................. 84
यह तो वो नहीं है ............................... 86
फुहारोंवाली बारिश ........................... 87
शायद कोहरे में न भी दीखे .................. 89
बादल भिगो गए रातोरात ..................... 90
मन करता है ..................................... 91
भुस का पुतला ................................... 93
प्रेत का बयान .................................... 94
नया तरीका ........................................ 96
बाकी बच गया अंडा ............................ 97
अकाल और उसके बाद ......................... 98
मास्टर! .............................................. 98
चाचा भरे चाबी .................................. 101
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी ............ 101
भूले स्वाद बेर के ............................... 103
आए दिन बहार के .............................. 104
शासन की बंदूक ................................ 104
कर दो वमन! ..................................... 105
तीन दिन, तीन रात ............................. 106
तीनों बंदर बापू के ............................. 108
मंत्र कविता ....................................... 110
अन्न पचीसी के दोहे ........................... 113
आए दिन ........................................... 114
सत्य .................................................. 115
नथने फुला-फुलांके ............................ 116
भोजपुर ............................................. 117
अग्निबीज ......................................... 119
मैथिली कविताएँ
नन्हे-नन्हे फूल .................................. 122
पका है यह कटहल! .......................... 123
जोड़ा मंदिर ......................................... 126
????? ................................................ 129
क्या लाल? क्या लाल? ......................... 131
न आए रातभर मेलट्रेन ........................ 132
एक फाँक आँख, एक फाँक नाक .......... 133
मनुपुत्र दिगंबर ................................. 134
बीच सड़क पर .................................... 134
पसीने का गुण-धर्म ............................. 135
श्यामघटा, मित बीजुरि-रेह .................. 135
सुजन नयन मनि ................................. 136
हरिजन-गाथा ....................................... 137
प्रतिबद्ध हूँ
प्रतिबद्ध हूँ
संबद्ध हूँ
आवद्ध हूँ
प्रतिबद्ध हूँ, जी हाँ, प्रतिबद्ध हूँ-
बहुजन समाज की अनुपल प्रगति के निमित्त-
संकुचित 'स्व' की आपाधापी के निषेधार्थ --
अविवेकी भीड़ की 'भेड़िया-धसान' के खिलाफ़
अंध-बधिर 'व्यक्तियों' को सही राह बतलाने के लिए "
अपने आप को भी 'व्यामोह' से बारंबार उबारने की खातिर
प्रतिबद्ध हूँ, जी हाँ, शतधा प्रतिबद्ध हूँ!संबद्ध हूँ, जी हाँ, संबद्ध हूँ-
मचर-अचर सृष्टि से”
शीन से, ताप से, धूप से, ओस से, हिमपात
राग से, द्वेष से, क्रोध से, घृणा से, हर्ष से, शोक से, उमंग से,
आक्रोश से
निश्चय-अनिश्चय से, संशय, भ्रम से, क्रम से, व्यतिक्रम से
निष्ठा-अनिष्ठा से, आस्था - अनास्था से, संकल्प-विकल्प से
जीवन से, मृत्यु से, नाश-निर्माण से, शाप-वरदान से
उत्थान से, पतन से, प्रकाश से, तिमिर से
दंभ से, मान से, अणु से, महान से
ध्यानमग्न वक-शिरोमणि
ध्यानमग्न वक-शिरोमणि
पतली टाँगों के सहारे
जमे हैं झील के किनारे
जाने कौन हैं 'इष्टदेव' आपके!
'इष्टदेव' हैं आपके
चपल-चटुल लघु-लघु मछलियाँ -
चाँदी-सी चमकती मछलियाँ -
फिसलनशील, सुपाच्य
सवेरे-सवेरे आप'
ले चुके हैं दो बार !
अपना अल्पाऽऽहार !
आ रहे हैं जाने कब से
चितनमध्य मत्स्य- शिशु
भगवान नीराकार!
मनाता हूँ मन ही मन,
सुलभ हो आपको अपना शिकार
तभी तो जमेगा
आपका माध्यंदिन आहार
अभी तो महोदय,
आप
डटे रहो इसी प्रकार
झील के किनारे
अपने 'इष्ट' के ध्यान में!
अनोखा है
आपका ध्यान-योंग!
महोदय, महामहिम!!
1984