Piyavasant Ki Khoj
Item Weight | 221 Grams |
ISBN | 978-9382898412 |
Author | Himanshu Shrivastava |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan |
Book Type | Hardbound |
Publishing year | 2016 |
Edition | 1st |
Return Policy | 5 days Return and Exchange |

Piyavasant Ki Khoj
'पियावसंत की खोज' आज की एक ज्वलंत समस्या 'दहेज प्रथा' पर लिखा गया यथार्थवादी उपन्यास है। इस प्रथा के संदर्भ में यह उपन्यास लिखकर लेखक ने सामयिक धन्यता के क्षण बटोरने का प्रयास न कर तटस्थतावादी दृष्टिकोण अपनाया है, किंतु इसका यह अर्थ नहीं कि स्थितियों से उत्पन्न हो रही सामाजिक न्याय-अन्याय की प्रवृत्तियों के प्रति वह निर्लेप रहा है। निर्लेप होता तो इस ज्वलंत प्रश्न को स्पर्श ही नहीं करता।उपन्यास में लेखक का तटस्थतावादी दृष्टिकोण प्रारंभ से अंत तक समाजशास्त्रीय प्रतिनिधि बनकर उभरा है। इसी कारण उसने कन्याओं के अभिभावकों की मनःशिराओं में बह रही दुहरी विचारधारा को विभिन्न चित्रों में रूपायित किया है और उन चिह्नों के व्याज से अपनी औपन्यासिक चिंतनसत्ता को सार्थक बनाने में अपनी पूर्वस्वीकृत समस्त विशिष्टताओं के साथ पाठकों के समक्ष प्रस्तुत हुआ है।इस कृति में जहाँ ढलती हुई उम्र की अविवाहिताओं के प्रति लेखक की वेदना उभरी है, वहीं उसका न्यायाधीश का हृदय भी सजग रहा है कि समर्थ अभिभावक भी कन्याओं के देने के नाम पर बनावटी निढालपन का परिचय देते हैं। अतः दहेज प्रथा पर लिखा गया यह उपन्यास एक फैशन के रूप में नहीं बल्कि तथ्यपरकता का वह शीशा है, जो वादी-प्रतिवादी, दोनों को बेनकाब करता है। आशा है, इसी सामाजिक बोध के साथ यह उपन्यास पढ़ा जाएगा और समादृत होगा।
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