Nahan
ISBN | 978-81-961858-3-1 |
Author | Arun Prakash |
Language | Hindi |
Publisher | Antika Prakashan Pvt. Ltd. |
Categories | Collection of Short Stories |
Pages | 112 |
Publishing year | 2023 |

Nahan
कुछ कहानीकार आलोचकों के प्रिय होते हैं, कुछ पाठकों के। अरुण प्रकाश पाठकों के ज़्यादा प्रिय लेखक रहे हैं। उनके लिखे की सराहना करने वाले पाठक बहुतायत मिलते हैं। भैया एक्सप्रेस, जल-प्रांतर, बेला एक्का लौट रही है, गज पुराण, नहान, भासा आदि उनकी बहुपठित-बहुचर्चित कहानियाँ रही हैं। इनकी 'हिचक' कहानी 'बहाव' पत्रिका में छापते हुए संपादक के रूप में अमरकांत ने लिखा था, 'छोटे-छोटे वाक्यों से रचना करना अरुण प्रकाश की विशेषता है जैसे चिडिय़ा अपार धैर्य के साथ तिनकों से खूबसूरत घोंसला बनाती है। इस कहानी में एक लड़की जूडो सीखना चाहती है और उसके माँ-बाप हिचक रहे हैं। मामूली जीवन से रचनाकार कुछ धागे निकालकर कला-कौशल से ऐसी कहानी बुनता है जिससे सार्थकता व आनंद दोनों प्राप्त होते हैं।' अरुण प्रकाश की कहानियों में हमारे समाज की विडंबना और विद्रुपता के चित्र अलग से नहीं दिखाए जाते बल्कि वे अंतर्गुम्फित होते हैं। सहजता के साथ गौरतलब और सार्थक बात कहना ही इस कथाकार की बड़ी विशेषता है। इस संग्रह में अरुण प्रकाश की आखरी दौर में लिखी गयी उन कहानियों को संकलित किया गया है जो उनके जीवनकाल में पुस्तकाकार नहीं आ पायी थीं। ये नयी सदी के आरंभिक काल में बदल रहे भारतीय समाज की कहानियाँ हैं। निश्चित रूप से इन कहानियों के बिना कथाकार अरुण प्रकाश पर समग्रता में बात नहीं हो सकती है।
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