Milate-Julate Shabdon ke Manak Prayog
Author | Ravindra Kumar |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9384344672 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.2 kg |
Milate-Julate Shabdon ke Manak Prayog
दूसरी भाषाओं के शब्दों को अपने में समाहित कर आवश्यकतानुसार नए शब्दों का निर्माण करते रहने की अपनी अद्भुत क्षमता के बल पर हिन्दी दुनिया में तेजी से फैल रही है। यूनेस्को की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों में भारत, पाकिस्तान, मॉरीशस, फिजी, गवाटेमाला, संयुक्त अरब अमीरात और गुयाना में 50 प्रतिशत से अधिक तथा सूरीनाम, ट्रिनिडाड, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और इक्वाडोर में 25 प्रतिशत से अधिक आबादी हिन्दी बोलती है। इसके अतिरिक्त सौ से अधिक विदेशी विश्वविद्यालयों में हिन्दी के उच्च शिक्षण की व्यवस्था है और प्रायः सभी देशों में इसे बोलने और समझने वाले लोग मौजूद हैं। इसमें संदेह नहीं कि अपनी सहजता-सरलता के चलते हिंदी का प्रभाव क्षेत्र निरंतर विस्तृत होता जा रहा है, लेकिन यह भी कटु सत्य है कि इस विकास और विस्तार के बावजूद गर्व के साथ व्यवहार में लाकर इसे तराशने, सजाने और सँवारने की वह चिंता कमजोर हुई लगती है, जिसके परिणाम स्वरूप हिन्दी आज इस मुकाम तक पहुँची है। यह चिंतन का विषय इसलिए है क्योंकि हिन्दी की अपने ही देश में चिंताजनक स्थिति बन रही है। अतः असली जरूरत इसे व्यवहार में लाकर इसकी विश्वव्यापी उपलब्धियों पर नाज करने की है।पत्रकारिता और अध्यापन के अपने लंबे अनुभव के आधार पर लेखक ने इस पुस्तक में ऐसी अनेक कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया है, जिनके चलते शबदों के अमानक प्रयोग हो रहे हैं। भाषा सरल-सुबोध और ���ैली बोधगम्य होने से इसमें भाषा विज्ञान का शास्त्रीय पक्ष भी बड़े सहज ढंग से अभिव्यक्त हुआ है।__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रम लेखकीय — 761. प्राप्ति और उपलधि — 791. टाँग और पाँव (पैर) — 1362. प्राय: और बहुधा — 802. कोश और कोष — 1563. प्रज्ञा और प्रतिभा — 813. अर्थी और अरथी — 1564. बुद्धि और समझ — 824. बधाई और धन्यवाद — 1665. भाव और भावना — 845. अस्त्र और शस्त्र — 1666. अधिकांश और अधिकतर — 856. क्षति और हानि — 1867. मात्रा और संया — 867. अहम् और अहम — 1868. आशंका और संभावना — 878. करनी और करतूत — 1969. बेफिक्र और लापरवाह — 899. द्रव्य और द्रव — 2070. पीड़ा और यंत्रणा — 9010. उपयोग और प्रयोग — 2071. भेद और अंतर — 9111. टाँगना और लटकाना — 2272. लेख और आलेख — 9212. जाग्रत् और जागृत — 2373. व्यंग्य और व्यंग — 9413. बरामद और जत — 2474. अद्भुत और विचित्र — 9514. भाषण और व्यायान — 2475. ज्ञापन और अधिसूचना — 9615. निर्देशक और निदेशक — 2676. विश्वास और भरोसा — 9716. नमस्ते और प्रणाम — 2677. निवेदन और प्रार्थना — 9917. अर्घ और अर्घ्य — 2778. साधारण और सामान्य — 10018. निलंबन और बरखास्तगी — 2879. हरण और अपहरण — 10119. सम्मान और पुरस्कार — 2980. शंका और संदेह — 10220. नहीं और न — 2981. शासन और प्रशासन — 10421. मिलीभगत और साँठगाँठ — 3082. हत्या और वध — 10522. लोकार्पण और विमोचन — 3183. स्वाधीनता और स्वतंत्रता — 10623. भोगना और सहना — 3284. दौड़ना और भागना — 10724. आरोपी और आरोपित — 3385. भागदौड़ और भगदड़ — 10825. अपराध और पाप — 3586. हठ और जिद — 10926. अनुरोध और प्रार्थना — 3687. नाम और उपनाम — 11127. अनशन और उपवास — 3788. नाम और संज्ञा — 11228. अनुकरण और अनुसरण — 3889. चिपकना और सटना — 11329. अंकुश और नियंत्रण — 4090. ताकना और घूरना — 11430. आज्ञा और आदेश — 4191. अधिक और बहुत — 11631. गुरु और गुरू — 4292. मिलना और लगना — 11732. व्यापार और व्यवसाय — 4393. जुड़ना और लगना — 11833. अध्यादेश और समादेश — 4594. टिकना और रुकना — 11934. अत्युति और अतिशयोति — 4695. ठहरना और थमना — 12035. अक्षर और वर्ण — 4796. फूटना और फटना — 12236. आदि और आरंभ — 4897. चेतावनी और धमकी — 12337. वारिस और बारिश — 4998. पकड़ना और थामना — 12438. बहुत और बड़ा — 5099. उलटना और पलटना — 12539. अपेक्षा और आवश्यकता — 51100. गिरना और ढहना — 12640. अनावरण और उद्घाटन — 52101. नापना और मापना — 12841. अनिवार्य और आवश्यक — 53102. घर और मकान — 12942. उद्��े��्य और ध्येय — 55103. कार्यवाही और काररवाई — 13043. संवेदना और सहानुभूति — 56104. देखना और झाँकना — 13144. धन और संपत्ति — 57105. जुटना और जुतना — 13345. उन्नति और प्रगति — 58106. शिक्षा और विद्या — 13446. उपस्थित और विद्यमान — 60107. समाचार और संवाद — 13547. प्रस्तुत और वर्तमान — 61108. संधि और समझौता — 13648. भूल और चूक — 62109. हँसी और दिल्लगी — 13749. यश और कीर्ति — 63110. ईर्ष्या और द्वेष — 13950. कल्पना और उपज — 65111. अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय — 14051. खोज और शोध — 66112. आमंत्रण और निमंत्रण — 14152. प्रयत्न और प्रयास — 67113. बल और सामर्थ्य — 14253. ग्रंथ और पुस्तक — 68114. अवस्था और आयु — 14354. लोकतंत्र और गणतंत्र — 70115. संस्था और संस्थान — 14555. परिणाम और फल — 71116. संकल्प और प्रतिज्ञा — 14656. पर्याप्त और यथेष्ट — 72117. संस्कृति और सभ्यता — 14757. मजदूरी, पारिश्रमिक और वेतन — 73118. संबंध और संपर्क — 14858. प्रकृति और स्वभाव — 75119. समालोचना और समीक्षा — 15059. विरुद्ध और विपरीत — 76सहायक ग्रंथों की सूची — 15260. उपदेश और प्रवचन — 77
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