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हिंदी साहित्य के व्यंग्य लेखन की विधा मुझे प्रारंभ से ही बड़ी लुभाती रही। करीब-करीब सारे व्यंग्य लेखकों को पढ़ने और उनसे सीखने का सौभाग्य मिला। व्यंग्य लेखन में गंभीर विषयों पर चुटीले अंदाज में प्रतीकात्मक और परोक्ष रूप से अपनी बातें रखकर सरल तरीके से पाठकों तक पहुँचाया जाता है। अपनी रचनाओं में लेखकों का यह कतई उद्देश्य नहीं होता कि किसी की भावना को ठेस पहुँचाई जाए अथवा नकारात्मक बातों को प्रेषित किया जाए। मैंने भी व्यंग्य लेखन के क्रम में ईमानदारी से इस मर्यादा को पालन करने का प्रयास किया है। लेखन का एकमात्र उद्देश्य यह है कि नकारात्मकता को भी सकारात्मकता के साथ प्रस्तुत कर समाज को सजग और सचेत किया जाए। इन्हीं शुद्ध भावों के साथ अपनी इक्यावन रचनाओं के संकलन के साथ आपके समक्ष सेवाभाव से उपस्थित हूँ।पुलिस सेवा में रहने के कारण समाज को, व्यक्तियों, परिस्थितियों, घटनाओं, शासन की व्यवस्थाओं को काफी निकट से देखने-समझने का अनुभव और सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिन-जिन तथ्यों एवं परिस्थितियों ने मुझे संवेदित किया, उन्हें अपनी रचनाओं में विभिन्न प्रकार से समायोजित करने का प्रयास मैंने किया है। इस पुस्तक के माध्यम से आप पाठक ही यह निर्णय कर पाएँगे कि मैं इसमें कितना सफल हुआ।—प्रशांत करण______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमहिंदी व्यंग्य का नया सोपान —Pgs. 5भूमिका —Pgs. 9शंसा —Pgs. 11प्रस्तावना —Pgs. 131.धर्म का प्रवचन —Pgs. 212.समाज-सेवा और आत्म-कल्याण —Pgs. 253.अंतरराष्ट्रीय होना —Pgs. 294.मामला खुदरे का —Pgs. 335.स्वप्न की सभा —Pgs. 376.इच्छाशक्ति —Pgs. 427.किसानी —Pgs. 458.योग दिवस —Pgs. 499.जन्म-मृत्यु —Pgs. 5210.सफर —Pgs. 5711.आस्तीन —Pgs. 6112.बर्थ डे —Pgs. 6413.मंचीय कविता और गंभीर साहित्य —Pgs. 6714.बहस जड़ और जड़ता पर —Pgs. 7015.बेदखल —Pgs. 7516.प्रजातंत्र —Pgs. 8017.आज के समय में साहित्यकारों का दायित्व —Pgs. 8418.भूख से मौत —Pgs. 8719.शिक्षा, समाज और साहित्य—प्रतिक्रियात्मक व्यवस्थाएँ —Pgs. 9020.क्रोध का परिणाम —Pgs. 9321.विकास के मापदंड —Pgs. 9622.इदम् न मम —Pgs. 9923.गुणी गुणं वेत्ति —Pgs. 10224.वर्तमान साहित्य में नवोदितों का स्थान —Pgs. 10625.अंतर्द्वंद्व —Pgs. 10926.बापू के बंदर —Pgs. 11227.दिवाकर बापू की जै —Pgs. 11628.चुनावी वैकेंसी में आजमाइए किस्मत —Pgs. 11929.नारी पीड़ा हुई मुखरित —Pgs. 12330.आखिरी मोड़ —Pgs. 12631.क्या कहती है धरा —Pgs. 12932.एहसास है क्या? —Pgs. 13333.स्मरणीय रेल यात्रा —Pgs. 13634.बहस 'योग दिवस' के बाद की —Pgs. 13935.आँखिन देखी —Pgs. 14336.गुरु दक्षिणा —Pgs. 14737.भूख —Pgs. 15038.आजादी के वे सोलह वर्ष —Pgs. 15339.उजाले-अँधेरे —Pgs. 15640.पैर की जूती —Pgs. 16041.हिंदी दिवस —Pgs. 16342.सावन की बिदाई —Pgs. 16643.घबरालजी और गांधीवाद —Pgs. 16944.भविष्य —Pgs. 17145.जयंतियाँ और साहित्यकार का दायित्व —Pgs. 17346.अथ सड़क कथा —Pgs. 17647.सेंध —Pgs. 18048.परदेस जाके परदेसिया —Pgs. 18349.निःशब्द कर गए —Pgs. 18550.आता है वसंत का महीना —Pgs. 18851.शांत हवा —Pgs. 190

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