Look Inside
Mahalsara Ka Ek Khel Anya Kahaniyan
share-Icon
Mahalsara Ka Ek Khel Anya Kahaniyan

Mahalsara Ka Ek Khel Anya Kahaniyan

Regular price ₹ 339
Sale price ₹ 339 Regular price ₹ 350
Unit price
Save 3%
3% off
Size guide
Icon

Pay On Delivery Available

Load-icon

Rekhta Certified

master-icon

Dedicated Support

Mahalsara Ka Ek Khel Anya Kahaniyan

Mahalsara Ka Ek Khel Anya Kahaniyan

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Rekhta-Certified

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description
शम्स-उन-नहार बेग़म उर्फ़ मुग़ल महमूद (1914-1993) और ज़हरा बेग़म उर्फ़ ज़हरा श्रीपत राय (1917-1993) बहनें थीं। उनकी सभी कहानियाँ पहले उर्दू में लिखी गयी हैं, बाद में देवनागरी में। अधिकतर कहानियाँ पचास और साठ के दशक में 'कहानी' या कल्पना' में छपी। ज़्यादातर कहानियाँ उसी हवेली या ‘महलसरा' के निवासियों के बारे में हैं जहाँ दोनों बहनों की परवरिश हुई। इन जीवन गाथाओं को कागज़ पर उतारना उनको माइक्रोस्कोप के नीचे लाना है। लिखे जाने की क्रिया में यह कथाएँ 'महलसरा' के अजीब-ओ-गरीब खेलों का रिकॉर्ड भी बन जाती हैं और उनकी आलोचना भी। कहानियों का सार उनके सन्दर्भ में ही गड़ा हुआ है। हवेली की ज़िन्दगी और उसमें फँसे किरदार सब एक घातक और विषैले प्रारब्ध के मोहरे नज़र आते हैं। किरदारों को हवेली से निकालकर एक बड़े और विस्तृत मानवीय फलक पर रखकर देखने की कोशिश है। चेखव के पात्रों की तरह, किरदार अपनी मौजूदा स्थिति से उबरकर एक ऐसे व्यापक दायरे में पहुँच जाते हैं जहाँ फतवों और फैसलों के लिए जगह नहीं है। किसी सन्देश या 'सत्य' का अमली जामा पहनाने का प्रयत्न इनमें नहीं दिखता। दोनों बहनों की कहानियाँ एक-दूसरे की नक़ल नहीं हैं। उनमें मुशाबहत है, तो दोनों के सशक्त स्त्री किरदारों में। मुग़ल महमूद की अधिकतर कहानियाँ हवेली में घटती हैं। उनके ऊपर एक प्रकार की नैतिक निराशा छायी हुई है। ज़हरा राय की कहानियों का मिज़ाज फ़रक है। उनमें से कुछ तो हवेली में स्थित हैं, मगर किन्हीं कहानियों के किरदार हवेली के बाहर निकलकर एक शहरी, मध्यवर्गीय ज़िन्दगी बसर करते हुए नज़र आते हैं। हवेली की दुनिया को शब्दों में ढालने वाली भाषा की अपनी खुसूसियत है। इस दुनिया का बीतना मातम योग्य नहीं है। मगर आलस्य और ऐश-ओ-इशरत से उपजी अतिसुसंस्कृति की बारीकियों का ब्योरा ऐतिहासिक और साहित्यिक सन्दर्भ में भुलाया नहीं जा सकता। सारा राय
Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.


You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Recently Viewed Products