Lohe Ka Baksa Aur Bandook
Regular price
₹ 185
Sale price
₹ 185
Regular price
₹ 199
Unit price
Save 7%
Tax included.
Author | Mithilesh Priyadarshi |
Language | Hindi |
Publisher | Rajkamal |
Pages | 168p |
ISBN | 978-9392186752 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.5 kg |
Dimensions | 12.9*19.8*1.2 |
Edition | 1st |
Lohe Ka Baksa Aur Bandook
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
हम पुस्तक क्यों पढ़ें
• ‘लोहे का बक्सा और बन्दूक’ युवा कथाकार मिथिलेश प्रियदर्शी का पहला कहानी संग्रह है। इस संग्रह की कहानियाँ मुख्य रूप से आदिवासी जीवन के सुख-दुख और विडंबनाओं पर केंद्रित हैं।
• ‘लोहे का बक्सा और बन्दूक’ संग्रह की कहानियों के चरित्र एक तरफ सत्ता की हिंसक निरंकुशता के नीचे पिस रहे हैं तो दूसरी तरफ इस हिंसक दमन का प्रतिरोध भी रच रहे हैं।
• ‘लोहे का बक्सा और बन्दूक’ संग्रह की कहानियों में अभाव भरे जीवन के बीच अदम्य जिजीविषा रची गई है।
विशेषज्ञों की राय
मिथिलेश की कहानियाँ अकूत रोशनी से जगमग करती हैं। जहाँ एक ओर वे तेज ताप से जीवन, सत्ता और समाज के अँधेरे, अनकहे कोनों और दरीचों को पूरी क्रूरता के साथ उजागर करती हैं, वहीं वे प्रेम के मुलायम ताने-बाने की विसंगतियों और उदात्तता का भी जिक्र उतनी ही ऊष्मा से करती हैं। इस निरन्तर झूठ होते जा रहे समय में इनकी कहानियाँ ज़रूरी खुराक हैं।
—वन्दना राग
विशिष्ट कथानक एवं सुन्दर निर्वाह के कारण अपनी पहली प्रकाशित कहानी 'लोहे का बक्सा और बन्दूक' से ही मिथिलेश प्रियदर्शी ने पाठकों और कथा-समीक्षकों का ध्यान आकर्षित किया है। इनकी कहानियाँ कहन और शिल्प में परिपक्वता के साथ-साथ अपनी ज़मीन के प्रति प्रतिबद्धता की कहानियाँ हैं।
—रणेन्द्र
पुस्तक के बारे में
पिछले कुछ वर्षों में अपनी कहानियों से एक विलक्षण पहचान अर्जित कर चुके युवा कहानीकार मिथिलेश प्रियदर्शी हिन्दी की कहानी की एक बड़ी उम्मीद और आश्वस्ति हैं। इनकी बहुप्रशंसित, महानगरीय जीवन से वाबस्ता कहानी, 'हत्या की कहानियों का कोई शीर्षक नहीं होता' का विन्यास और कथा-भाषा कहानी कला के ओल्ड मास्टर एडगर एलन पो की याद दिलाती है। इसके ठीक दूसरे छोर पर हमारी शहरी सभ्यता के सीमान्त पर, एक दूरस्थ, अँधेरे में डूबे आदिवासी इलाके में घटित कहानी 'सहिया', कहानी के दूसरे उस्ताद जैकलंदन की याद दिलाती है। मिथिलेश की कहानियों में समकालीन यथार्थ की कितनी ही तहें और परतें हैं। इन कहानियों का एक कठोर तरीके से कसा हुआ सघन विन्यास, तीव्र, तन्मय कथा-भाषा और तनाव भरा काँपता-सा स्वर हिन्दी कहानी के लिए नए हैं और उम्मीद जगाते हैं कि कहानी के नए वातायन खुल रहे हैं।
—योगेन्द्र आहूजा
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.