Kya Kahoon Jo Ab Tak Nahin Kahi

Regular price ₹ 412
Sale price ₹ 412 Regular price ₹ 425
Unit price
Save 3%
3% off
Size guide

Pay On Delivery Available

Rekhta Certified

7 Day Easy Return Policy

Kya Kahoon Jo Ab Tak Nahin Kahi

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description
वृन्दावन आकर कितनी ख़ुश थी मैं । जिस आश्रम में रहती थी यमुना के किनारे था। यमुना के किनारे-किनारे घने पेड़-पौधे लगे थे। लम्बे-लम्बे, बड़े-बड़े पेड़ । गुरुदेव कहते थे ये पेड़ नहीं, सन्त, महात्मा हैं। वृन्दावन में पेड़ बनकर तपस्या कर रहे हैं। वैसे तो सभी वृक्ष सन्त ही होते हैं परोपकारी, पत्थर भी मारो तो फल देते हैं, अपनी छाया में शीतलता प्रदान करते हैं और धरती को प्रदूषित होने से बचाते हैं। एक बात मन को बहुत कचोटती है कि ये मानव जो इतने सभ्य और सुशिक्षित तो हो रहे हैं किन्तु पेड़ों को कितनी तेज़ी से काटते जा रहे हैं। जिन पेड़ों में गुरुदेव किसी को अपनी धोती नहीं टाँगने देते थे, आज वे पेड़ कट गये। आश्रमों और अट्टालिकाओं की भरमार लग गयी और वृन्दावन वृक्षविहीन हो गया। मैंने भी वृन्दावन के पेड़-पौधे से आच्छादित यमुना तट पर उसी आश्रम में एक पर्ण कुटीर बनाया था। सुबह होते ही सूर्य की किरणें छन-छन कर आतीं, पेड़ों के झुरमुट को बेंधती हुई नीचे धरती पर आकर इन्द्रधनुषी रंग बिखेर देतीं। कितनी अच्छी सुप्रभात होती। मोर जब सवेरे-सवेरे पिउ-पिउ करते तो मेरे हृदय से भी प्रेम का स्रोत फूट पड़ता। श्रीकृष्ण के लिए मेरा हृदय भी स्पन्दित हो जाता। हज़ारों तोते और अन्य दूसरे पक्षी कलरव करके मेरे सूने मन और आकाश को गुंजायमान कर हर्षित कर देते। सामने यमुना माँ मेरे सभी दुख-सुख की साक्षी बनी। इस माँ की ममता से विहीन मूढ़ा को कल-कल करके बहती हुई जीवन में आनन्द का संचार कर देती, मानो अपने वात्सल्य और ममतामयी स्पर्श से मुझ अभागन को तृप्त कर रही हों। जब भी उदास होकर यमुना तट पर बैठती, आँखों से आँसू गिरते तो शीघ्रतापूर्वक मेरे आँसू अपने प्रबल वेग में बहा ले जाती, मुझे लगता मेरी माँ मेरे आँसुओं को अपने में आत्मसात कर रही हैं। माफ़ करना मैं अपने आँसुओं को नहीं रोक पायी। अब क्यों उदास होती है अम्मा? वृन्दावन आकर तो अपने प्रियतम को पा लिया था। क्या घर की याद आती थी? अपनी आँखों में भरे आँसू को रोकते हुए ममता घोष ने कहा, उसकी आवाज़ से स्पष्ट लग रहा था कि उसे अभी भी घर की बेहद याद आ रही थी।
Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.


You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products