Kalidas Chintan
Item Weight | 363 Grams |
ISBN | 978-9387980600 |
Author | Rajshekhar Vyas , Pt. Suryanarayan Vyas |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan |
Book Type | Hardbound |
Publishing year | 2019 |
Edition | 1 |
Return Policy | 5 days Return and Exchange |

Kalidas Chintan
संसार के सर्वश्रेष्ठ नाटककार और विश्वकवि कालिदास की असाधारण प्रतिभा का लोहा पाश्चात्य विद्वानों ने भी माना। सर विलियम जोंस हों या गेटे या फिर शेक्सपीयर ही क्यों न हों, सब कालिदास की लेखनी के अनन्य प्रशंसक थे। उन भारतीय राजनेताओं और तथाकथित पंडितों को क्या कहें, जो पाश्चात्य मत से प्रभावित होकर कालिदास को केवल संस्कृत साहित्य तक ही सीमित रखते हैं। सारे संसार में कालिदास के नाम को पुनर्जीवन देनेवाले महान् विद्वान् पं. सूर्यनारायण व्यास ने आधुनिक भारत के सांस्कृतिक रंगमंच की आधारशिला रख उज्जयिनी में अखिल भारतीय कालिदास समारोह वर्ष 1928 में आरंभ किया। कालिदास साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान्, कालिदास अकादेमी के संस्थापक पं. व्यास की रससिद्ध लेखनी से निःसृत कालिदास के काल, जन्म, कला, रस और अन्य पक्षों पर उनके निबंधों का यह संग्रह गागर में सागर है। कालिदास और विक्रम, भास और भर्तृहरि, भवभूति और भरत, वात्स्यायन और कालिदास पर अद्भुत शोधपूर्ण दृष्टि—जिन विषयों पर विश्व के विद्वानों में अब चर्चा हो रही है, मसलन कालिदास के पूर्ववर्ती, कालिदास के समकालीन और बाद के काल के कवियों पर एक विलक्षण विद्वान् की ओजस्वी कलम से, विश्वकवि कालिदास पर प्रस्तुत है अनुपम कृति—'कालिदास चिंतन'। कालिदास और विक्रम पर उनकी अन्यान्य रचनाओं के चयन, संयोजन, संपादन और प्रकाशन के लिए प्राणपण से संलग्न महान् पिता के सुयोग्य सुपुत्र श्री राजशेखर व्यास के विलक्षण संपादन और मार्मिक लेखों से युक्त कृति 'कालिदास चिंतन' आपको मुग्ध किए बिना नहीं रहेगी। ____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमउपोद्घात —Pgs. 7आकलन —Pgs. 17सूर्य-स्मरण —Pgs. 271. विश्ववंद्य कवि कालिदास —Pgs. 352. कालिदास पर नवीन दृष्टि —Pgs. 573. कालिदास और विक्रम पर एक विचार —Pgs. 664. कालिदास के काल पर नवीन प्रकाश —Pgs. 695. कालिदास के समय पर व्यापक विचार —Pgs. 736. नाट्यशास्त्र-निर्माता भरत और कालिदास —Pgs. 857. मालवभूमि के दो आचार्य : कालिदास और वात्स्यायन —Pgs. 928. भोज और कालिदास —Pgs. 1019. उर्वशी कालिदास की! —Pgs. 10310. शुंगकालीन अग्निमित्र मालविका —Pgs. 10611. कालिदास के पार्थिवों पर परिस्थिति का प्रभाव —Pgs. 11012. कालिदास के 'अष्टमूर्ति' प्रत्यक्ष-शिव —Pgs. 11613. शुंगकालीन परिस्थिति का कालिदास के पात्रों पर प्रभाव —Pgs. 12314. शाकुंतल की कुछ समस्याएँ —Pgs. 13015. अभिज्ञान शाकुंतल का नायक दुष्यंत —Pgs. 13316. भीटा से प्राप्त मृणमुद्रा और कालिदास —Pgs. 14217. महाकवि कालिदास की रचनाओं की सचित्र प्रतियाँ —Pgs. 14618. महाकवि के काव्य-नाटक —Pgs. 15019. 'रघुवंशम्' की मौलिकता —Pgs. 15420. कालिदास की अलका —Pgs. 16121. कालिदास और कल्पवृक्ष —Pgs. 16922. मंदाक्रांता मेघदूतम् —Pgs. 17323. संसार भर में दूत-काव्य और कालिदास —Pgs. 17724. कालिदास की समाधि —Pgs. 18125. कालिदास का दशार्ण —Pgs. 18526. कहाँ जन्मे थे कालिदास? —Pgs. 19027. कालिदास की जन्मभूमि उज्जयिनी —Pgs. 19228. कालिदास : राष्ट्र और संस्कृति के महान् प्रतिनिधि —Pgs. 20329. कालिदास परिषद् का जन्म, विकास और प्रवृत्तियाँ —Pgs. 20730. यह सरकारी साहित्यानुराग और संवेदना! —Pgs. 21531. कालिदास समारोह : स्वर्णिम अतीत —Pgs. 21932. पुण्यश्लोक प्रियदर्शी पंडित सूर्यनारायण व्यास —Pgs. 23033. व्यासजी : अनेक मुखड़े, सभी उज्ज्वल —Pgs. 233
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.
You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.