Look Inside
Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh
Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

Regular price ₹ 570
Sale price ₹ 570 Regular price ₹ 600
Unit price
Save 5%
5% off
Tax included.
Size guide

Pay On Delivery Available

Rekhta Certified

7 Day Easy Return Policy

Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

Jharkhand Andolan Ka Dastavej: Shoshan, Sangharsh

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description

झारखंड अलग राज्य सभी का एक सपना था। एक खाका तैयार था कि कैसा होगा अपना झारखंड।लेकिन यह कैसे अस्तित्व में आया इसके लिए किस-किसने जान दी। कितने लोग, कहाँ-कहाँ मारे गए, कहाँ-कहाँ जुल्म झेले गए। इस पुस्तक को लिखने का मकसद था कि आनेवाली पीढ़ी झारखंड के लिए कुरबानी देनेवालों को जान सके, याद कर सके।इस पुस्तक को मूलत: छह खंडों में बाँटा गया है। पहले खंड में पुलिस फायरिंग या पुलिस द्वारा मारे गए आंदोलनकारियों का जिक्र है। दूसरे खंड में उन घटनाओं को शामिल किया गया है, जहाँ आंदोलनकारी पुलिस की गोली से नहीं मरे, बल्कि महाजनों-माफिया या दबंगों ने उनकी हत्या कर दी। तीसरे खंड में उन गैर-आदिवासी आंदोलनकारियों को शामिल किया गया है, जिनकी झारखंड आंदोलन में बहुत बड़ी भूमिका रही है, जिन्होंने आंदोलन को दिशा दी। चौथा खंड महिलाओं को समर्पित है। इसमें झारखंड आंदोलन में महिलाओं की भूमिका की चर्चा है।पुस्तक के पाँचवें खंड में कुछ उन आंदोलनकारियों को भी शामिल किया गया है जिनकी मौत पुलिस या माफिया की गोली से नहीं हुई, बल्कि जिन्होंने इलाज के अभाव में दम तोड़ा, जिनकी स्वाभाविक या दुर्घटना में मौत हो गई, पर उनका आंदोलन में काफी योगदान था। इसमें उन आंदोलनकारियों को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने आंदो���न में बहुत कुछ खोया है। कुछ वैसे आंदोलनकारियों को भी श़ामिल किया गया है, जो अभी जीवित हैं, पर जिन्होंने आंदोलन में हर प्रकार की भूमिका अदा की।__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रम भूमिका — Pgs. 756. लालमोहन बेदिया : एक संघर्षशील नेता का अंत — Pgs. 239अपनी बात — Pgs. 1157. जयवीर महतो : आधी आय दान करते थे — Pgs. 240बहुत पुराना है संघर्ष का इतिहास — Pgs. 2758. श्यामलाल मुर्मू : पोखरिया आश्रम के रखवाले की हत्या — Pgs. 242खंड-159. गोइलकेरा : देवेंद्र माझी की शहादत — Pgs. 244पुलिस फायरिंग60. मनींद्र नाथ मंडल : माफिया ने करवा दी हत्या — Pgs. 2511. सिमको गोलीकांड : 40 आदिवासियों की हत्या — Pgs. 4761. राजेश आनंद महतो : जमीन माफिया के विरोधी थे — Pgs. 2532. खरसावाँ गोलीकांड : एक और जालियाँवाला बाग कांड — Pgs. 5162. रतिलाल महतो : समझौता नहीं करने की सजा — Pgs. 2553. मिहिजाम गोलीकांड : विस्थापितों पर गोली — Pgs. 61खंड-34. गुंडुरिया गोलीकांड : गोली से कुचला आंदोलन को — Pgs. 63गैर-आदिवासियों की भूमिका5. चीरी गोलीकांड : जमीन पर कब्जा माँगा तो मिली गोली — Pgs. 6663. बाबू रामनारायण सिंह : संसद में कहा, हर हाल में झारखंड चाहिए — Pgs. 2616. परमेश्वर माझी : जान देकर पत्नी की इज्जत बचाई — Pgs. 6964. रामदेव सिंह : गाड़ी से खींचकर मार डाला — Pgs. 2647. पलमा फायरिंग : गुरुजी के अड्डे को बनाया निशाना — Pgs. 7165. सदानंद झा : विरोधियों ने कर दी थी हत्या — Pgs. 2668. करगली गोलीकांड : मजदूरों पर गोलियों की बारिश — Pgs. 7366. अभय चरण तिवारी : धोखे से की गई हत्या — Pgs. 2699. सिजुआ गोलीकांड : विरोध करने की सजा मौत — Pgs. 7767. बसंत पाठक : दिलेर आंदोलनकारी की शहादत — Pgs. 27110. कुड़को गोलीकांड : महाजन के खिलाफ जंग — Pgs. 7968. यदुनंदन वर्णवाल : माफिया ने बनाया निशाना — Pgs. 27311. विष्णुगढ़ गोलीकांड : टेकलाल के समर्थकों को किया शहीद — Pgs. 8169. कलीमुद्दीन अंसारी : चोरों को समझाने की सजा — Pgs. 27412. जायदा गोलीकांड : अनशनकारी विस्थापितों पर फायरिंग — Pgs. 8370. दुर्गा तिवारी : उम्रकैद की सजा काटी — Pgs. 27613. जयतारा गोलीकांड : लड़ते हुए हो गए शहीद — Pgs. 8871. गुरुदास चटर्जी : माफिया के शिकार बने — Pgs. 27914. ईचाहातू फायरिंग : जंगल आंदोलन की पहली शहादत — Pgs. 9072. महेंद्र प्रताप सिंह : महाजनों ने लिया बदला — Pgs. 28015. सेरेंगदा गोलीकांड : बच गए थे शैलेंद्र महतो — Pgs. 9473. गुरुवचन सिंह : मजदूरों के हितैषी — Pgs. 28116. गुवा गोलीकांड : अस्पताल से निकाल कर भूना — Pgs. 10074. केदार पांडेय : कांग्रेस नेता से मतभेद भारी पड़ा — Pgs. 28217. गुजीसिमल गोलीकांड : डरकर पुलिस ने कर दी फायरिंग — Pgs. 111खंड-4 18. बाइपी गोलीकांड : मूड किया, दाग दी गोली — Pgs. 113महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका19. कुइड़ा गोलीकांड : स्वतंत्र कोल्हान राष्ट्र की साजिश — Pgs. 11675. जमशेदपुर की सबिता भुइयाँ : दुलाल को बचाने में हो गई शहीद — Pgs. 28920. कुंबिया गोलीकांड : जुल्म का विरोध किया तो फायरिंग की — Pgs. 12276. चैनपुर फायरिंग : मारी गईं दो छात्राएँ — Pgs. 29221. जोजोगुट्टु गोलीकांड : पुलिस के लिए चुनौती एक गाँव — Pgs. 12377. राहिल-अजरमनी : सेरेंगदा में बचाई शैलेंद्र की जान — Pgs. 29522. सरजोमहातू गोलीकांड : गोली मारकर भाग गई पुलिस — Pgs. 12578. नंदी कुई : जब तीर से बीएमपी को रोका — Pgs. 29723. गंगाराम कालुंडिया हत्याकांड : एक फौजी की शहादत — Pgs. 12779. मरियम चेरोवा : महिलाओं को देती थी ट्रेनिंग — Pgs. 29924. माँडर गोलीकांड : मारा गया स्कूली छात्र — Pgs. 13580. लाड़ो जोंको : सिंहभूम की आयरन लेडी — Pgs. 30125. तिरूलडीह गोलीकांड : अजीत महतो-धनंजय महतो शहीद — Pgs. 13781. सिस्टर मेरी ज्योत्सना : आंदोलन को दी आवाज — Pgs. 30326. मुरहू गोलीकांड : पुलिस जुल्म के विरोध की सजा — Pgs. 14382. ज्योत्सना तिर्की : एमबीबीएस नहीं, आंदोलन — Pgs. 30527. बीदरनाग की हत्या : जीप से घसीटकर मार डाला पूर्व सैनिक को — Pgs. 14783. मालती किचिंग्या : छात्राओं पर पकड़ — Pgs. 30728. भरभरिया गोलीकांड : अपराधी मारो अभियान का प्रतिफल — Pgs. 15284. शुकंतला टुडू : थप्पड़ का जवाब थप्पड़ से — Pgs. 30929. बिल्ला गोलीकांड : बुजुर्ग की छाती में गोली मारी — Pgs. 15885. उर्मिला देवी : हर आंदोलन में सक्रिय — Pgs. 31130. बाँझी गोलीकांड : फादर एंथोनी समेत 15 संतालों की हत्या — Pgs. 16286. रोज केरकट्टा : महिलाओं को सशक्त किया — Pgs. 31231. साबुआ हत्याकांड : जंगल बचाने में चली गई जान — Pgs. 17187. मालंच घोष : जन आंदोलन को दी ऊर्जा — Pgs. 31332. रसिक हाँसदा : घेराव के दौरान हत्या — Pgs. 174खंड-5 33. बागबेड़ा गोलीकांड : थाना घेरा तो मार दी गोली — Pgs. 176जज्बा-जोखिम और नतीजा34. सुवर्णरेखा कांड : मार डालने का नया तरीका — Pgs. 17988. आजसू की भूमिका — Pgs. 31735. विभूति महतो : राशन माफिया के विरोध का नतीजा — Pgs. 18289. नारायण साहू : पैर काटना पड़ा नारायण साहू का — Pgs. 321खंड-2 90. हरिशंकर महतो : बम से हथेली उड़ गई — Pgs. 323माफिया-महाजन के शिकार91. माझी सोय : गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षक — Pgs. 32536. तपकरा गोलीकांड : बाहरी गुंडों ने की अंधाधुंध फायरिंग — Pgs. 18792. मनमथ बास्के : पुलिस पिटाई से मौत — Pgs. 32837. धर्माबाँध कांड : माफिया ने करायी हत्या — Pgs. 18993. फेटल सिंह : वनों को बचाने की लड़ाई — Pgs. 33038. बसुरिया कांड : जगदीश, थामी, कादिर मियाँ की हत्या — Pgs. 19194. सिदू तियू : इलाज के अभाव में मौत — Pgs. 33439. राजपुर कोलियरी कांड : गुलाम माझी को मार डाला — Pgs. 19495. सोहर-मोहर, बोधराम, केवल : असमय मौत के मुँह में चले गए — Pgs. 33740. मुनीडीह कांड : वीरबल, बिरजू, हरिपद की शहादत — Pgs. 19696. डॉ. रामदयाल मुंडा : भाषा-संस्कृति को बचाना होगा — Pgs. 33941. पुरुलिया कांड : माकपा का आतंक — Pgs. 19897. और यूँ ही चुपके-चुपके चल दिए — Pgs. 34342. सिजुआ कांड : शक्तिनाथ महतो की हत्या — Pgs. 20098. बबलू मुर्मू : फरारी जीवन में दम तोड़ा — Pgs. 34643. चासनाला में हमला : यूनियन के हमले में सुरेंद्र महतो शहीद — Pgs. 20499. बहादुर उराँव : जुड़वाँ बेटे की शहादत — Pgs. 34844. चंदनकियारी हत्याकांड : तिलकधारी, जयपाल व श्रीप्रसाद की हत्या — Pgs. 206100. उमेश, गणेश, जीतेंद्र : दुर्घटना में गई जान — Pgs. 35245. झींकपानी गोलीकांड : मजदूरों का उग्र आंदोलन — Pgs. 208101. विनोद बिहारी महतो की गिरफ्तारी का विरोध : 46. बंदगाँव में हुई हत्या : लाल सिंह मुंडा का संघर्ष — Pgs. 211शबू सोरेन ने गिरिडीह शहर को घेरा — Pgs. 35447. केदला कोलियरी कांड : गरीबों के चहेते थे धनीराम माझी — Pgs. 216102. एक आंदोलन ऐसा भी : विष्णुगढ़ में हुक्का-पानी बंद — Pgs. 35648. जमशेदपुर : निर्मल महतो की हत्या — Pgs. 217खंड-649. बाँधडीह में नक्सलियों ने किया अपहरण : पुलिस जुल्म॒॒जीतन बेसरा का शव भी नहीं मिला — Pgs. 225103. बेल्डीहा सामूहिक दुष्कर्म : पुलिसिया जुल्म की कहानी — Pgs. 36150. हाट टैक्स के खिलाफ आंदोलन : मछुआ गागराई की शहादत — Pgs. 226104. पकडि़या सामूहिक दुष्कर्म : शायद ही कोई बच पाई थी — Pgs. 36451. नेपाल रवानी : बालू माफिया ने करायी हत्या — Pgs. 230105. पड़रिया सामूहिक दुष्कर्म : बच्ची को भी नहीं छोड़ा — Pgs. 36752. शंकर महतो : गरीबों का सहारा — Pgs. 232106. छामड़ागुट्टू : बेसरा के गाँव में जुल्म — Pgs. 37053. जीवलाल महतो : वन माफिया के खिलाफ संघर्ष — Pgs. 234107. सिंहभूम का सच : 400 घरों को जला दिया — Pgs. 37254. सूदन महतो : नाकेबंदी में गई जान — Pgs. 236संदर्भ — Pgs. 38455. खानूडीह कांड : शनिचर ने बालू माफिया का आतंक तोड़ा — Pgs. 237

Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.


Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.


You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products