Jaaton ki Kahawati Kathayen
Regular price
₹ 300
Sale price
₹ 300
Regular price
Unit price
Save
| Item Weight | 400 Grams |
| ISBN | 978-8186103685 |
| Author | Lakhanlal Sharma |
| Language | Hindi |
| Publisher | Rajasthani Granthagar |
| Pages | NA |
| Book Type | Paperback |
| Publishing year | 2018 |
| Return Policy | 5 days Return and Exchange |
Jaaton ki Kahawati Kathayen
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
जाटों की कहावती कथाएं : गद्य कथा साहित्य के एक अन्यतम भेद के रूप में कहानी सबसे अधिक, किसी अंश में उपन्यास है भी अधिक लोकप्रिय साहित्य का रूप है। परन्तु यह तो ‘साहित्यिक’ कहानी की बात है। ‘जाटों की कहावती कथाएँ’ तो लोक कथा का ही एक रूप है। लोक कथा का उद्गम जानना प्रायः उतना ही कठिन है, जितना मानव जीवन का। इनके लेखक अज्ञातनामा होते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी में कहानियँ सुनती-सुनाती आई ह��ं। अतः वक्ता तथा श्रोता की रूचिवश इनमें अन्तर आ जाना स्वाभाविक है।‘जाटों की कहावती कथाओं’ को सामान्य मानव जीवन की कथाओं को भांति पढ़ा जाए, तो अधिक आनन्द आएगा, अन्तर केवल इतना है कि इनको इस तथ्य को ध्यान में रख कर पढा जाए-‘जाट में मसखरापन भी खूब पाया जाता है। उसकी मसखरी में एक अजीब सा भोलापन, एक अजीब सी शरारत तथा एक अजीब सा अक्खड़पन मिलता है।’ कहावत सभी कहानियों को प्रमुख विशेषता हैं, यहीं अन्तर प्रस्तुत कहानियों में हैं। कहावत किस प्रकार मानव-जीवन का अन्यतम अंग बन जाती हैं, इन कथाओं से जाना जा सकता है। यद्यपि इन पचपन कथाओं के पात्र तथा स्थान भिन्न-भिन्न हैं, तथापि इनको एक साथ पढ़ने पर आनन्द एक उपन्यास का सा आता है। है न ‘एक पंथ दो काज’ वाली बात। भाषा की दृष्टि से भी राजस्थान तथा हरियाणा का सामंजस्य इन कथाओं में देखा जा सकता है।RelatedTRUE
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.
You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.