Indhan
Regular price
₹ 399
Sale price
₹ 399
Regular price
Unit price
Save
Tax included.
Author | Swayam Prakash |
Language | Hindi |
Publisher | Vani Prakashan |
Pages | 271 |
ISBN | 978-9355188854 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.4 kg |
Edition | 1st |
Indhan
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
बचपन की स्मृतिया बहुत ट्रस्त करने वाली है । वह ताप्ती रेत पर निरंतर चलती नंगे पैरो की दोड़ जेसी ही है | मेरे पिताजी प्रेस मे कंपोसिडेर थे | गुजर मुश्किल से ही चलता था | पाच भी बहन मे से सबसे बाद था | पिताजी का, लोग कहते थे केसे डूसरी ऑरत से संबंध था | कई राते ऊनकी वही बिताती थी | माँ को की राहसीमाई बीमारी थी | पाता नहीं पिता जी को भी ढीक से पता था के नहीं की माँ को क्या बीमारी थे | शायद ऊनहे पता होगा, पर वह बताते नहीं थे | इतना जरूर ही की बीमारी आसाध्य होगी ओर सक्रमक भी | एसलिए ऊसक नाम नहीं लिया जाता था | मा के सारे बदन मे हड्डीया निकली हुई थी कुछ इस तरह के वह ज़्यादा देर बेध भी नहीं सकती थी | सख्त बिस्तर पर लेटना भए उनेके ब का नहीं था | वह दिन रात कहराती रहती थी | एक नोकरआनी आकर उनके कपड़े धो जाती थी, कभी -कभी उन्हे नहला भी जाती थी | बाकी घर के कपड़े छोटी बहन धोती थी | सुन यह भी था कि डॉक्टर गिज़ा के लिए कहते है, आबोहवा बदलने के लिए कहते है | दोनों छीजे हमारे बस मे नहीं थी | एक बार किसी ने कहा कबूतर का शोरबा पिलो, पर यह भी संभव नहीं था | क्योंकि मा शाकाहारी थीं | वह दवां भी मुश्किल से ही पिटी थी उन्होंने अपने को तिल तिल मरने को स्वीकार कर लिया था| वह भगवान का नाम बजी नहीं लेती थे | उन्हे किसी चीज के जरूरत भी होती तो वह हमे नहीं पुकारती | पुकारती भी तो उनकी कमजोर आवाजज़ हम तक नहीं पहुँचती | हम ही बीच बीच मे उनके कमरे मे जा के पूछ आते - माँ , कुछ चाहिए ? माँ कॉ देख कर कभी नहीं लगा के उनके मन मे कोई अतृप्त इच्छा अटकी होगी | उहए बस दो ही बातों का अफसोस था | एक - ठाकुर जी के सेवा नहीं कर पाती ओर दो- बचो को कुछ बना कर खिला नहीं पती | घर मे तो नहीं, पर बाद मे अस्पताल मे जब हम मा को देखने या खिचड़ी वागेर देने जाते- उनकी आखों मे हमे प्यार करने की एक गहरी ललक छटपटाती नजर आती | हम उसे धिक से समझ नहीं पते | माँ तब बहुत दिनों से हमारे दैनिक सुख- दुख से बाहर थीं इसलिए वह हमरे लिए जैसे दूर के कोई रिश्तेदार हो गई थीं | एक बार अपना हड्डी- हड्डी हाथ मेरे सर पर फेर कर पुछा - तू कोण सी क्लास मे अअ गया ? लेकिन जब मेने बताया तो मानो उन्होंने सुन ही नहीं |
- Over 27,000 Pin Codes Served: Nationwide Delivery Across India!
- Upon confirmation of your order, items are dispatched within 24-48 hours on business days.
- Certain books may be delayed due to alternative publishers handling shipping.
- Typically, orders are delivered within 5-7 days.
- Delivery partner will contact before delivery. Ensure reachable number; not answering may lead to return.
- Study the book description and any available samples before finalizing your order.
- To request a replacement, reach out to customer service via phone or chat.
- Replacement will only be provided in cases where the wrong books were sent. No replacements will be offered if you dislike the book or its language.
Note: Saturday, Sunday and Public Holidays may result in a delay in dispatching your order by 1-2 days.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.