HUM HAIN SURAJMUKHI RAAT KE (GHAZAL)
ISBN | NA |
Publisher | Bodhi Prakashan |
Pages | - |
Dimensions | NA |
Edition | 1st |
Return Policy | 5 days Return and Exchange |

HUM HAIN SURAJMUKHI RAAT KE (GHAZAL)
प्रस्तुत संग्रह का सबसे उजला पक्ष है अच्छी हिन्दी... विशुद्ध हिन्दी...। उनकी भाषा और शब्दों का सौन्दर्य समूचे वातावरण में बसन्त का मौसम रच देते हैं। रत्नदीप जी के पास हिन्दी के समृद्ध शब्दों की अपार सम्पदा है। खाँटी देशज शब्दों से सम्पन्न है उनकी लेखनी। उनकी रचनाओं में बड़ी संख्या में ऐसे शब्द बहुतायत रूप से नज़र आते हैं जिनकी नस्ल ही खत्म हो रही हैं। लेखक हिन्दी इन शब्दों को खोज-खोजकर पूरे जतन से पुनर्जीवित करते नज़र आते हैं। हिन्दी शब्दों के अकूत खजाने के मालिक होने के बावजूद उन्होंने अपनी ग़ज़लों में कहीं-कहीं उर्दू शब्दों का जिस न$फासत से उपयोग किया है वो विस्मित तो करता ही है साथ ही रचनाओं का पैनापन और उनका असर दुगना हो जाता है। हिन्दी बोलने और पढऩे से बिचकती हुई आज की नई पीढ़ी के लिए हिन्दी सीखने का भी एक अवसर है यह ग़ज़ल संग्रह। - मनोज खरे
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.
You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.