Delhi Sarkar Ke Sansadiya Sachivon Ka Sach
Item Weight | 332 Grams |
ISBN | 978-8177213706 |
Author | S.K. Sharma |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan |
Book Type | Hardbound |
Publishing year | 2018 |
Edition | Ist |

Delhi Sarkar Ke Sansadiya Sachivon Ka Sach
लेखक की पूर्व में प्रकाशित पुस्तक, जिसका शीर्षक था 'दिल्ली सरकार की शक्तियाँ और सीमाएँ : तथ्य और भ्रम' में किए गए खुलासों के कारण ही राजधानी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो गई थी।लेखक का दावा है कि इस पुस्तक में किए गए खुलासे दिल्ली की राजनीति में खलबली मचाएँगे, पाठकों को बार-बार चौंकाएँगे, विधानसभा के पदाधिकारियों, अधिकारियों एवं विधायकों के एक वर्ग की रातों की नींद उड़ाएँगे, संविधान को ठेंगा दिखाकर सरकार में मंत्री स्तर की अवैध नियुक्तियाँ करनेवालों को अपनी गलती पर शर्म महसूस कराएँगे, अगले चंद दिनों में राजधानी की नीरस खबरों में कुछ चटपटापन लाएँगे तथा महज सूत्रों के हवाले से खबर देनेवाले मीडिया को अपने सूचना-तंत्र को और अधिक पैना बनाने का एहसास कराएँगे।ऐसा होना इसलिए तय है, क्योंकि किए गए खुलासों का आधार कोई सूत्र नहीं, बल्कि वे प्रामाणिक तथ्य एवं दस्तावेज हैं, जिन्हें निर्वाचन आयोग द्वारा कोड़ा फटकारने पर दिल्ली सरकार को दबी हुई फाइलों से बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ा है।__________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमभूमिका—5याचिकाकर्ता की कलम से... 7दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश—आयोग पुन: करे सुनवाई—11प्रस्तावना—13 क. आम नागरिक के प्रश्नों के उत्तर—21(i) क्या होता है संसदीय सचिव?(ii) क्या काम करते हैं संसदीय सचिव?(iii) क्या होता है लाभ का पद्?(iv) संसदीय सचिव क्यों है लाभ का पद?(v) सांसदों/विधायकों को लाभ के पद् की मनाही क्यों?(vi) पहला संसदीय सचिव किसने बनाया और क्यों? ख. 21 विधायक संसदीय सचिव नियुक्त—32ग. संसदीय सचिवों को मिले अनेक लाभ (सुविधाएँ)—38घ. याची द्वारा राष्ट्रपति को प्रस्तुत याचिका : रद्द हो सदस्यता—43ङ. याचिका राष्ट्रपति भवन में, भूचाल दिल्ली सरकार में—55च. राजनैतिक दलों में पक्षकार बनने की होड़—60छ. प्रतिवादियों द्वारा दिया गया लिखित बयान तथा हलफनामा—65ज. निर्वाचन आयोग में पक्ष-विपक्ष के तर्क—98झ. याचिकाकर्ता की पासा पलट दलीलें : प्रतिवादी निरुत्तर—108ञ. आयोग ने सौंपी रिपोर्ट : 20 विधायक अयोग्य घोषित—138ट. विविध—148(i) कैसे एक लेख से जन्मी याचिका(ii) याचिकाकर्ता पर राजनैतिक दबाव(iii) स्पीकर कार्यालय की संदिग्ध भूमिका(iv) आयोग की गुगली : फँस गई सरकार(v) किसने निपटाए 'आप' के 20?अनुलग्नक-1 : संसदीय सचिव का पद : न वैधानिक न संवैधानिक—171अनुलग्नक-2 : विभागों से आंतरिक पत्राचार —178अनुलग्नक-3 : 69वाँ संविधान संशोधन अधिनियम—184अनुलग्नक-4 : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन अधिनियम —189अनुलग्नक-5 : ट्रांजेक्शन ऑफ विजनिस रूल्स 1993—219अनुलग्नक-6 : कार्य आवंटन नियम 1991—238
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