Chakriye Ki Chahak
Regular price
₹ 150
Sale price
₹ 150
Regular price
Unit price
Save
Item Weight | 400 Grams |
ISBN | 978-9390179121 |
Author | Shah Mohanraj, Dr. Bhagwatilal Sharma |
Language | Rajasthani-Hindi |
Publisher | Rajasthani Granthagar |
Pages | NA |
Book Type | Paperback |
Publishing year | 2021 |
Return Policy | 5 days Return and Exchange |

Chakriye Ki Chahak
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
चकरिये की चहक (चकरिया रा सोरठा) : राजस्थानी का विपुल वाङ्मय शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति के साथ-साथ नीति की मुक्ता-मणियों से भी आलोकित है। इसके प्रबन्ध-काव्य तो नीतिपरक सरस सूक्तियों से सुशोभन हैं ही, परन्तु स्वतंत्र रूप से नीतिपरक मुक्तक-काव्य भी इसमें प्रचुर परिमाण में रचा गया है।यहाँ के नीतिकारों का विषय-चयन तो परम्परित ही रहा; परन्तु उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति में उसे एक अनूठा ही स्वतंत्र काव्य-रूप दे डाला। छंदों के वामनावतार 8216;दोहा8217; के 8216;सोरठा8217;-भेद के चतुर्थ चरणांत में अपनत्व का अमृत उँडेलते हुए अपने प्रिय पात्र को स्नेह-सने संबोधन से सम्बोधित कर इन नीतिकारों ने ऐसी सुंदर नवीन शैली की नींव डाल दी; जो आज भी सर्जन के क्षेत्र में सम्मानित है। यह ऐसा अनुपम विरल दृष्टांत है, जो किसी अन्य भाषा में शायद ही उपलब्ध हो।उक्ति-वैचित्र्य वाणी का विभूषण होता है, उसे सामान्य से विशेष बनाने वाला। वाणी को समृद्ध तथा प्रभविष्णु बनाने हेतु यह उक्ति-वैचित्र्य-समन्वित सोरठावली यहाँ सम्मानित रही है और रहेगी। जीवन-मूल्यों के प्रति आग्रह रखने वाले राजस्थानी जनमानस को इन सत्यान्वेषी सोरठाकार रूप कबीरों का यह अमर शब्दोपहार है। उनके अनुभव-चिंतन की ये शब्द-नौकाएँ काल-धारा में सदैव संतरण करती रहेंगी। ऐसे नीति-निपुण सोरठाकारों को रंग है, रंग है, रंग है।RelatedTRUE
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.
You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.