Chakarghhini
Item Weight | 200 |
ISBN | 978-81-958683-6-0 |
Author | Vivek Agrawal |
Language | Hindi |
Publisher | Pushvam Enterprise |
Pages | 146 |
Dimensions | 22*14*1 |
Edition | 1st |

Chakarghhini
एक आपराधिक घटना से चकरघिन्नी की कहानी बनी है। यह कहानी मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़ी है।
मुंबई के गिरोह ने कारोबारियों और उद्योगपतियों को धमकाना शुरू किया कि तुमने सरकारी टैक्स भर दिया, चलो हमारा टैक्स भरो। दाऊद गिरोह ने काला धन घोषित करने वाले तमाम लोगों से 10 फीसदी रकम की वसूली की।
फिल्म का कथानक व पटकथा का साहित्य रूप में आकार लेना अब नई बात नहीं रही क्योंकि विवेक अग्रवाल लिखित फिल्म 'अदृश्य' पहले प्रदर्शित हुई, उसके बाद बशक्ल उपन्यास आ गई। ऐसा ही चकरघिन्नी के साथ हो रहा है। यह पटकथा रूप में पहले लिख ली, अब उपन्यास में तब्दील हुई है।
यह साहित्य नहीं, महज मनोरंजन का मसाला है। इसमें जो साहित्यिक समाधान चाहते हैं, उन्हें निराशा होगी। इसमें जिन्हें तथ्य व लॉजिक चाहिएं, उन्हें भी कुछ खास नहीं लगेगा। इसके बावजूद यह पठनीय जनप्रिय लेखन है।
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