Bhasha Ki Khadi
Regular price
₹ 380
Sale price
₹ 380
Regular price
₹ 400
Unit price
Save 5%
| Item Weight | 695 Grams |
| ISBN | 978-9387968516 |
| Author | Om Nishchal |
| Language | Hindi |
| Publisher | Prabhat Prakashan |
| Book Type | Hardbound |
| Publishing year | 2019 |
| Edition | 1st |
| Return Policy | 5 days Return and Exchange |
Bhasha Ki Khadi
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
भाषा अभिव्यक्ति का आयुध है, जिसके बिना हम न तो सार्थक बातचीत कर सकते हैं, न लिख-पढ़ सकते हैं। हिंदी-हिंदुस्तानी जिसकी नींव कभी महात्मा गांधी ने रखी, जिसे देश भर में प्रचारित-प्रसारित किया, स्वराज पाने का अचूक हथियार बनाया, वह भारत की राजभाषा बनने के बावजूद अपने हक से वंचित रही है। अरसे तक औपनिवेशिक गुलामी ने हमारे मनोविज्ञान को ऐसी भाषाई ग्र्रंथियों से भर दिया है, जिसमें हमने आजादी के बाद धीरे-धीरे अंग्रेजियत ओढ़ ली और भारतीय भाषाओं समेत हिंदी-हिंदुस्तानी से एक दूरी बनानी शुरू कर दी।किंतु जब-जब हम में राष्ट्रप्रेम जागता है, हम स्वराज्य, हिंदी-हिंदुस्तानी व भारतीय संस्कृति के पन्ने उलटने लगते हैं। कहना न होगा कि भारतीय भाषाओं के बीच पुल बनाने वाली हिंदी आज देश में ही नहीं, पूरे विश्व में किसी-न-किसी रूप में बोली व समझी जाती है। एक बड़ा भौगोलिक क्षेत्रफल हिंदीभाषियों का है, जो देश-देशांतर में फैला है। प्रवासी भारतवंशियों का समुदाय भी हिंदी का हितैषी रहा है तथा इस ��मुदाय ने विभिन्न देशों में न केवल भाषा का वाचिक स्वरूप बचाकर रखा है, भारतीय संस्कृति के ताने-बाने को भी सुरक्षित व संवर्धित किया है।'भाषा की खादी' जहाँ हिंदी-हिंदुस्तानी के सहज स्वरूप की बात करती है, वहीं संस्कृति के उन धागों के बारे में भी बतियाती है, जिनसे हमारे पर्वों, त्योहारों, बसंत, फागुन व प्रणय के मौसमी अहसासों के ताने-बाने जुड़े हैं। नए बौर की गंध से मह-मह करता फागुन कभी-कभी शब्दों की पालकी पर आरूढ़ होकर आता है। 'भाषा की खादी' में यह मह-मह और मंद-मंद बहती पुरवैया के झकोरों की गूँज सुनाई देगी, इसमें संदेह नहीं।____________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________निबंध-क्रमप्रस्तावन —Pgs. 7भाषा की खादीभाषा की खादी —Pgs. 13हिंदी : वित्त से चित्त तक —Pgs. 27हिंदी और वेब माध्यम —Pgs. 36हिंदी : आँगन के पार द्वार —Pgs. 48हिंदी की कठिनाई, भाषा की नहीं —Pgs. 80हिंदी, प्रचार और प्रकाशन —Pgs. 93गांधी, हिंदी और हिंदुस्तानी —Pgs. 107हिंदी, हिंदुस्तानी और भारतीय संस्कृति —Pgs. 112राष्ट्रगीत, राष्ट्रभाषा और राष्ट्रवाद —Pgs. 125पराई मिट्टी में अपनी भाषा की क्यारी —Pgs. 133मिलना एक शब्द-सहचर से —Pgs. 140संस्कृति के धागेअँधेरे में इक दीया तो बालें —Pgs. 148कहाँ हैं रोशनी की फाइलें? —Pgs. 156फागुन का रथ कोई रोके! —Pgs. 162मेरे युवा आम में नया बौर आया है —Pgs. 175तीन लोक से न्यारी काशी —Pgs. 186
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.
You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.