Bharatiya Vidroh ka Lupt Adhyay – A Missing Chapter of Indian Mutiny
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| Item Weight | 400 Grams |
| ISBN | 978-9391446079 |
| Author | Munnalal Dakot |
| Language | Hindi |
| Publisher | Rajasthani Granthagar |
| Pages | NA |
| Book Type | Paperback |
| Publishing year | 2022 |
| Return Policy | 5 days Return and Exchange |
Bharatiya Vidroh ka Lupt Adhyay – A Missing Chapter of Indian Mutiny
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भारतीय विद्रोह का लुप्त अध्याय 8211; कर्नल सी.एल. शाॅवर्स कृत : भारतीय इतिहास में पश्चिमी सीमा का महत्व आक्रान्ताओं के आयुधों की मार झेलने वाले प्रदेशों के रूप में रहा है। शाॅवर्स ने यह माना कि वह जो कुछ लिख रहा है, वह अन्यत्र नहीं मिलेगा क्योंकि अनेक दस्तावेज, जिनमें अनुपयोगी भी थे, जला दिए। क्रांति जिसे गदर नाम दिया गया है, की अधिकांश घटनाएं ‘ब्लू-बुक’ में मिटाई गई थी। इनमें शाॅवर्स का जो कहना था, वह शेष था और यह पुस्तक उस कथन की कृति है।यह पुस्तक क्रांति के दौर में प्रशासनिक कौशल या विफलता के पर्याय दस्तावेजों और आत्मकथ्यों का संग्रह है। इसमें घोड़ों की टापें, बन्दूकों के बारूद और तोपों के दहाने तो हैं ही, इंसानी हृदय में, पैठे डर और साहस की जुबानी भी है।पुस्तक गदर के पूर्व और बाद के समग्र घटनाक्रम को संयोजित करती है। दोनों ही रूपों को अध्यायों के विभाजन के साथ लिखा गया हैै। यह पुस्तक देशी रियासतों के सैनिक गठन, उनकी विश्वसनीयता, मुस्तैदी, गुप्तचरी, संदेशों के आदान-प्रदान, घुड़सवारी, आवाजाही, चैकी व्यवस्था, हूटिंग जैसी सूचनाओं के साथ अनेक पारिभाषिक शब्दावली को प्रस्तुत करती है- यह आजादी के आंदोलन के आरंभिक चरण का दस्तावेज है।यह पुस्तक ब्रिटिश सरकार की उन नीतियों का खुलासा भी करती है, जो सामने नहीं थी लेकिन लागू होती थी। इनमें रियासतों को हड़पना और उसके लिए किसी भी सन्धि को लांघ जाना सामान्य बात थी। शाॅवर्स ने अंग्रेजों की इसी नीति की आगे चलकर आलोचना भी की है। यही नहीं, उसने तथ्य भी दिए हैं।इसका प्रयास आजादी की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा हैं। एक तरह से यह दस्तावेज पहली बार हिंदी भाषा में आ रहा है। हमें आशा एवं विश्वास हे कि यह अनेक विद्यार्थियों और अध्येताओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।लेफ्टिनेंट जनरल चाल्र्स लियोनेल शाॅवर्स का जन्म 5 फरवरी 1816ई. को बेरकपुर, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ। ईसाई धर्म रस्म 9 अप्रेल 1816, बेरकपुर, पश्चिम बंगाल, भारत। फ्रेडरिका हेलन हस्र्ट से 9 फरवरी 1856 बर्कशायर, इंग्लैंड में विवाह किया।जनरल चाल्र्स लियोनेल शाॅवर्स ”कोट कांगड़ा“ के समर्पण के समय उपस्थित थे, जो जून 1846 में हुआ। अगले ही वर्ष वे उस अभियान में शामिल हुए, जो पश्चिमी राजपुताना में चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य राजपुताना के रेगिस्तान में आक्रमण आयोजित कर वहाँ के लुटेरों की शक्ति को कम करना था। परिणामतः उनका सरदार ठाकुर जवाहर सिंह पकड़ा गया। शाॅवर्स ने 1848-49 में ”पंजाब अभियान“ में भाग लिया तथा गुजरात के युद्ध के समय वे ‘लार्ड गफ’ के स्टाफ में थे। उन्होंने मध्य भारत के अभियानों में 1857-58 में भाग लिया, जिसमें ‘नीमच’ बागियों का पीछा करना, ‘निम्बाहेड़ा’ पर आक्रमण कर उस पर कब्जा करना, नीमच किले के सामने के तोपखाने का मसला तथा प्रतापगढ़ पर की गई कार्यवाही है।RelatedTRUE
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