Bhagya-Rekha
Regular price
₹ 383
Sale price
₹ 383
Regular price
₹ 395
Unit price
Save 3%
Item Weight | 0.26 |
ISBN | 978-8171785698 |
Author | Bhishma Sahni |
Language | Hindi |
Publisher | Rajkamal |
Pages | 104 |
Dimensions | 23*15*1 |
Edition | 9th |

Bhagya-Rekha
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
भाग्य-रेखा' भीष्म साहनी का पहला कहानी-संग्रह है, जिसके साथ उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में क़दम रखा था। वर्ष 1953 में प्रकाशित इस संग्रह ने उन्हें साहित्य-संसार में अपनी एक पहचान दी; जिसके माध्यम से हिन्दी समाज ने कथा में सहज प्रवाह की शक्ति को महसूस किया।भीष्म जी की कहानियों का ‘मैं’ भी कभी लेखक के प्रतिनिधि होने का आभास नहीं देता, पात्रों और उनके यथार्थ के साथ उनकी इस एकात्मता को, जो शायद बहुत गहरी तटस्थता से ही सधती होगी, बहुत कम लेखकों में चिह्नित किया जा सकता है। इस संग्रह में कई ऐसी कहानियाँ हैं जो भीष्म जी के गहरे मानवीय बोध को चिह्नित करती हैं और कुछ ऐसी हैं जो समकालीन समाज की अमानवीयता के प्रति घृणा का भाव भी पाठक के मन में जगाती हैं। उदाहरण के लिए 'क्रिकेट मैच' जिसमें पति-पत्नी सम्बन्धों के बीच आया दुराव इतने कौशल के साथ उभारा गया है कि बहुत कुछ न कहते हुए भी कहानी हमें घर-परिवार को बचाए-बनाए रखनेवाली स्त्री-भूमिका के प्रति आलोचनात्मक हो जाने को प्रेरित करती है। 'नीली आँखें' हाशिये पर रहनेवाले तबके के प्यार और शहरी पृष्ठभूमि में उसके प्रति असहिष्णु मध्यवर्गीय नज़रिए को बेहद कारुणिक रूप में व्यक्त करती है।कहने की आवश्यकता नहीं कि भीष्म साहनी को चाहनेवाले पाठक इस संग्रह को अमूल्य पाएँगे ।
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.