Look Inside
Bagh
share-Icon
Bagh

Bagh

Regular price ₹ 55
Sale price ₹ 55 Regular price ₹ 55
Unit price
Save 0%
Size guide
Icon

Pay On Delivery Available

Load-icon

Rekhta Certified

master-icon

5 Days Easy Return Policy

Bagh

Bagh

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Rekhta-Certified

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description
"...बाघ कविता ने अद्भुत ढंग से झकझोरा । सोचता रहा बाघ है क्या? क्या वह कोई प्रतीक है या कोई विराट बिम्ब, जिसमें अनेक चित्र और रूपक समाहित हो जाते हैं। असल में हम बाघ को तीन या चार धरातलों पर पढ़ सकते हैं - बाघ जो था, बाघ जो अब नहीं है, बाघ जिसकी हमें तलाश है और उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण वह जो बाघ कभी था ही नहीं। तलाश का यह सम्मोहन-भरा रूपक इन चार धरातलों पर कार्य करता हुआ अन्ततः हमें एक ऐसी अन्तरिम स्थिति में बाँधे रहता है, जहाँ वे चारों धरातल एक साथ सक्रिय होते हैं । एक विलक्षण बात यह है कि यह अन्तरिम स्थिति सन्देह की नहीं, बल्कि एक सत्य के साक्षात्कार की होती है जो जन्म लेता है वास्तविक और 'प्रतीयमान' की अन्तःक्रिया के तनाव से, जिसे हमारे जीवन के संवेदनशील तन्तु निरन्तर झेलते हैं । बाघ की पूरी बनावट को उसकी आधारभूत नाटकीयता यहीं से मिलती है । इस ढलती हुई शताब्दी के इस अन्धे मोड़ पर बाघ दरअसल समय के विध्वंसों के ख़िलाफ़ मनुष्य के संघर्ष की लोकगाथा है। कई बार लगता है-और कविता का हर टुकड़ा इस गुंजाइश को कहीं-न-कहीं बचाये रखता है-कि वस्तुतः यह मायावी समय ही 'बाघ' है-या हमारी चेतना, हमारा प्रेम, हमारा भोलापन, हमारा नैराश्य यानी वह अपरिवर्त्य तलछट जो हमेशा बची रहती है। मुझे लगता है कि बाघ जो शहर का तिरस्कार करता है, वह दरअसल हमारी विकृति को तिरस्कृत करता हुआ हमारा अपना प्रेम है। बाघ जहाँ मिथक की ओट खोजता है, वहाँ वह जैसे हमारी ही दो फाँक चेतना का एक अंश है। हरे खेत के लाल ट्रैक्टर से ईर्ष्या करने वाला बाघ जीवन के प्रति हमारी लालसा का दूसरा नाम है। ܀܀܀܀܀܀ कभी हंगरी भाषा के कवि यानोश पिलिंस्की की एक कविता पढ़ी थी और उस कविता में अभिव्यक्ति की जो एक नयी सम्भावना दिखी थी, उसने मेरे मन में पंचतन्त्र को फिर से पढ़ने की इच्छा पैदा कर दी थी। उस कविता में जो एक पशुलोक था - बल्कि एक भोली-भाली पशुगाथा- मुझे लगा कि पंचतन्त्र में उसका एक बहुत पुराना और अधिक आत्मीय रूप पहले से मौजूद है। पंचतन्त्र की संरचना की अपनी कुछ ऐसी ख़ूबियाँ हैं जो सतह पर जितनी सरल दिखती हैं, वस्तुतः वे उतनी सरल हैं नहीं। हर कालजयी कृति की तरह पंचतन्त्र का ढाँचा भी अपनी आपात सरलता में अननुकरणीय है। पर मुझे लगा कि पंचतन्त्र एक ऐसी कृति है जो एक समकालीन रचनाकार के लिए जितनी चाहे बड़ी चुनौती हो, पर ज़रा-सा रुककर सोचने पर वह सृजनात्मक सम्भावना की बहुत-सी नयी और लगभग अनुद्घाटित परतें खोलती सी जान पड़ेगी। मुझे यह भी लगा कि एक बार यदि उस ढाँचे की कार्य-कारण- बद्ध श्रृंखला को थोड़ा ढीला कर दिया जाये तो इस सम्भावना को कई गुना और बढ़ाया जा सकता है। वस्तुतः सृजनात्मक सत्य के इसी नये साक्षात्कार से 'बाघ' का जन्म हुआ था-लगभग आड़ी-तिरछी रेखाओं के बीच घिरे एक शिशु की क्रीड़ा की तरह । "

 

Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 5 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 5% off your first order.


You can also Earn up to 10% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products