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Arab Ki Kahaniyan
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क्रम

 1. कहानी कटे हुए सिर की - 5

2. न्याय - 18

3. बुद्धिमान ख़लीफ़ा - 27

4. चोर - 35

5. वचन - 41

6. तीन बुद्धिमान बूढ़े - 45

7. काज़ी का फ़ैसल* - 53

8. झूठी क़सम - 60

9. कठिन समस्या - 64

10. कंजूस - 68

 

कहानी कटे हुए सिर की

जब खलीफा सिंहासन पर बैठा तो देश की हालत बहुत बिगड़ी हुई
थी। सरकारी अफ़सर बेईमान हो गए थे, कर्मचारी कामचोरी करते थे,
व्यापारी ग्राहकों को धोखा देते थे दिन-दहाड़े क़ाफ़िले लूट लिए जाते
थे क़ानून का किसी को डर नहीं था चारों ओर हाहाकार मच रहा
था प्रजा बड़ी दुखी थी
ख़लीफ़ा को बड़ा दुख हुआ 
उसने अपने वज़ीर को बुलाकर कहा-
" देश की जो दशा है, वह तुमसे छुपी हुई नहीं है। अब इसे
सुधारने का तुम ही कोई उपाय बताओ।
वज़ीर बूढ़ा और अनुभवी था
वह कुछ विचार करके बोला-
"हुजूर, आपके पुरखों के समय से यह रीति चली  रही है कि
ख़लीफ़ा भेस बदलकर रात के समय नगर में घूमा करते थे इस प्रकार
उन्हें नगरवासियों के जीवन, उनकी कठिनाइयों की पूरी जानकारी प्राप्त
होती रहती थी मेरा सुझाव है कि आप भी वैसा ही करें।"
ख़लीफ़ा को यह बात पसन्द आई
वज़ीर ने फिर कहा-
एक आवश्यक बात यह है कि जब आप नगर में रात को घूमने
निकलें तो कोई पहचान पाए - आपके अपने सेवक भी नहीं "
ख़लीफ़ा ने पूछा-
" इसके लिए हमें क्या करना होगा ?"

न्याय

बहुत दिनों की बात है, जब ख़लीफ़ा हारूनुलरशीद का राज्य था, इराक़
में एक नाई रहता था उसका नाम अली सकाल था
वह अपने काम में इतना अनुभवी और चतुर था कि उसके नाम
की धूम दूर-दूर तक मची हुई थी। कहा जाता था, उस जैसा नाई पूरे
देश में नहीं था। जब वह सिर मूँडता या दाड़ी बनाता तो उसके हाथ
से कभी किसी के खरोंच भी नहीं लगती थी यही कारण था कि नगर
के बड़े-बड़े लोग उसी के पास आते थे।
लोगों का तो यह भी कहना था कि वह आँखों पर पट्टी बाँधकर
भी हजामत बना सकता था
उसकी दुकान पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी। वे घंटों-घंटों
अपनी बारी के इन्तज़ार में बैठे रहते थे- और उसे मुँह माँगे दाम देते थे
उसकी दुकान में एक हम्माम भी था जहाँ लोग स्नान करने आते
थे। हम्माम में ठंडे-गर्म पानी का प्रबन्ध था जिसमें अनेक प्रकार की
खुशबुएँ पड़ी होतीं। कई दास हम्माम में आनेवालों के शरीर पर तेल की
मालिश किया करते थे
धीरे-धीरे उसके पास बहुत-सा धन गया
उसने नगर के बीच एक शानदार भवन बनवाया था जिसमें एक
सुन्दर बग़ीचा था। उसके घर में सेवा के लिए अनेक नौकर और दास
थे। वह बड़े क़ीमती कपड़े पहनता था और अच्छे से अच्छा भोजन
करता था

 


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