Amar Balidani Tatya Tope
Author | Mahesh Sharma |
Language | HINDI |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-8192850887 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.175 kg |
Edition | 1st |
Amar Balidani Tatya Tope
तात्या टोपे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के एक अद्वितीय रणनीतिकार तथा कुशल सेनानायक थे। सन् 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य समर में उनकी भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण, प्रेरणादायक और बेजोड़ थी। तात्या का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवला गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता पांडुरंग राव भट्ट थे। तात्या का वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग राव था। अपने आठ भाई-बहनों में तात्या सबसे बड़े थे। सन् 1857 के स्वातंत्र्य समर की शुरुआत 10 मई को मेरठ से हुई। जल्दी ही क्रांति की चिनगारी समूचे उत्तर भारत में फैल गई। उस रक्तरंजित और गौरवशाली इतिहास के मंच से झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहेब पेशवा, राव साहब, बहादुरशाह जफर आदि के विदा हो जाने के करीब एक साल बाद तक तात्या संघर्ष की कमान सँभाले रहे और ब्रिटिश सेना को छकाते रहे। वे परिस्थिति को देखकर अपनी रणनीति तुरंत बदल लेते थे। अंतत: परोन के जंगल में तात्या टोपे के साथ विश्वासघात हुआ। नरवर का राजा मानसिंह अंग्रेजों से मिल गया और उसकी गद्दारी के कारण तात्या 8 अप्रैल, 1859 को सोते हुए पकड़ लिये गए। विद्रोह और अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध लड़ने के आरोप में 14 अप्रैल, 1859 को तात्या को फाँसी दे दी गई। कहते हैं, तात्या फाँसी के चबूतरे पर दृढ़ कदमों से ऊपर चढ़े और फाँसी के फंदे को पुष्प-हार की तरह स्वयं अपनी गरदन में डाल लिया। इस प्रकार तात्या मातृभूमि-हित निछावर हो गए।
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.