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Ab Ishwar Nahi Bolta
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About the Book:-कविता क्या और क्यों का सटीक और प्रामाणिक उत्तर वरिष्ठ कवि प्रभुनारायण श्रीवास्तव का नया काव्य संकलन - ‘अब ईश्वर नहीं बोलता’ के पढ़ने के बाद स्वतः मिल जाता है। कवि ने जीवन के हर क्षेत्र में पाई जाने वाली विसंगतियों पर प्रहार किया है और इस तरह किया है कि हम असहज हो उठते है पर असहमत नहीं। वह समुन्दरों की भी तलाशी लेता है और इस तरह तराश कर रख देता है हमारी लुकी छिपी अपावन वृत्तियों को कि ‘‘हम बंधे बधाये रास्तों को छोड़कर एकदम दूसरी तरह के आदमी हो जाते हैं।’’ संकलन की कविताओं में अर्थ वैभव और अर्थ की उड़ान देखने लायक है। साधारण से साधारण पाठक कविता की सारी खूबियों को ग्रहण कर लेता है, न कहीं उलझन न कहीं दुरूहता। हमको मालूम नहीं होता कि कविता कब हमारे मन को पार कर अवचेतन को सम्पन्न कर गई। यही प्रभुनारायण श्रीवास्तव की कविताओं को विशिष्ट बना देती है। समकालीन कविताओं में एक टटकापन, एक नई खुशबू लेकर आया है कवि। बेहद कीमती कविताओं का संकलन है ‘अब ईश्वर नहीं बोलता।’ About the Author:- नाम - प्रभु नारायण श्रीवास्तव पिता का नाम - स्व. भगवान प्रसाद श्रीवास्तव जन्मतिथि - (12.01.1940) (बारह जनवरी उन्नीस सौ चालीस) शिक्षा - एम.ए. अंग्रेजी साहित्य, इलाहाबाद विश्वविद्यालय एल.एल.बी. इलाहाबाद विश्वविद्यालय। निवास - गैवीघाट, चेतगंज, मीरजापुर, उत्तर प्रदेश। सेवा - गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार में पाँच वर्षों तक पी.जी. सेक्शन में अंग्रेजी साहित्य के प्रोफेसर। इसके अतिरिक्त जी.डी. बिनानी पी.जी. कॉलेज मीरजापुर से अंग्रेजी विभागाध्यक्ष के पद से अवकाश प्राप्त हैं। गतिविधियाँ - सन् 1960 से लेखन करना प्रारम्भ किया/गीत, गजल, के साथ लेख, व्यंगलेख लिखते रहे और विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में छपते रहे। जैसे-जैसे समय बीता समकालीन कविता की ओर मुड़ गये। आज देश के प्रतिष्ठित कवियों में हैं। आकाशवाणी से कविताओं का नियमित प्रसारण होता रहा है। देश की करीब-करीब सभी प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में लगातार सन् 1990 से छपते रहे हैं। प्रकाशन - ‘‘अनाज का दाना चुप है’’ काव्य संकलन, अनामिका का प्रकाशन यह उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से पुरस्कृत है। अनेक संस्थाओं ने इन्हें सम्मानित किया है। मो.न. – 8765603747 CONTENTS स्मृतियों एवं मिथकों के कवि प्रभुनारायण श्रीवास्तव. 11 विचार . 13 अपनी बात. 15 समीक्षा. 19 1. प्रार्थना. 21 2. माँ. 23 3. अब ईष्वर नहीं बोलता. 24 4. लकीरें. 26 5. वृक्ष. 28 6. बूँद. 29 7. मेरे शहर में सड़कें नहीं रहतीं.30 8. वे दिन. 32 9. आईना. 33 10. झूठ और सत्य. 34 11. मेरे भीतर एक सड़क है. 36 12. सब चुप हैं. 38 13. बरगद. 39 14. आकाष धोखा है. 41 15. अधूरापन. 43 16. जड़ें. 44 17. जंगल. 45 18. क्या ऐसा नहीं हो सकता ?. 47 19. धमकियाँ. 48 20. मिट्टी - 1. 49 21. मिट्टी - 2. 50 22. सब कुछ. 52 23. किसी को बुरा नहीं लगता. 53 24. इस सुपरसानिक युग में. 55 25. विद्रोही लहर . 57 26. तटस्थता. 58 27. दिल्ली का पालिका बाजार . 59 28. भवानीपुर कांड - 2001. 62 29. जल. 64 30. चिड़िया. 65 31. असमंजस. 66 32. इतिहास की मौत. 68 33. सांड. 71 34. चमरौधा. 72 35. यह कैसा युद्ध है भाई. 74 36. समय-समय की बात. .76 37. ईटें. 77 38. मुहब्बत की इमारतें. 78 39. अनुशासन. .80 40. पता नहीं क्यों. 81 41. मेरी कविता. 83 42. कुदरत. 86 43. बच्चे. 87 44. आकाश. .89 45. फूल. 90 46. कोशिश करो. 91 47. हवा. 93 48. पतझर. 94 49. क्या हो गया है समुद्र को. 95 50. घास. 97 51. मैं नहीं चाहता. 99 52. परिन्दों मत बैठना.101 53. खुशबू.102 54. वस्तुयें.103 55. आँसू.104 56. तनाव.105 57. मेरा नाम.107 58. मजबूरी.108 59. कुछ लोग.109 60. डर.110 61. कुछ भी नहीं कर सकते.112 62. कूड़ा.114 63. मकान बनाम घर.116 64. अगर.118 65. संभावना वहाँ नहीं है.120 66. चौराहे पर तानाषाह की प्रतिमा देखकर.122 67. लोकतंत्र में तीन चित्र.124 68. गन्ध.126 69. मुझको मालूम है.128 70. मेरे पथ भ्रष्ट शब्द.130 71. अपराध.132 72. हर रोज़.134 73. सृजन.135 74. दशहतगर्दों.136 75. पराक्रमी सपने.138 76. खंडहर.139 77. पुल - 1.140 78. पुल - 2.141 79. पुल - 3.142 80. हैंडपम्प.144 81. कुछ लोग परेषान हैं.146 82. यह सच है.148 83. कुछ चीजें.150 84. राहें.152 85. फूल और काँटे.153 86. कजरी.155 87. जंगलों के हत्यारे.156 88. सियासी दल.158 89. तुम भीड़ हो.160 90. अब मत कहना.161 91. पूर्णाभिद.163 92. पानी.164 93. भुल्लन कुजड़ा.165 94. पानी और पत्थर.168 95. मेरा मोबाइल.169 96. विष चखने का काम.170 97. पेड़ की पीड़ा.172 98. जंगल - 2.174 99. आदमखोर वायरस.175 100.पेड़.177 101.उस दिन नदी बहुत उदास थी.178 102.पुल ही चुनते हैं.180 103.पीढ़ियाँ.181 104.बोनसाई के पौधे.183 105.चिराग़.185 106.गंगाजल.186 107.होगा समुद्र का नाम.188 108.जन्नत.190 The Title 'Ab Ishwar Nahi Bolta written/authored/edited by Prabhu Narain Srivastava', published in the year 2020. The ISBN 9789353243159 is assigned to the Hardcover version of this title. This book has total of pp. 190 (Pages). The publisher of this title is GenNext Publication. This Book is in Hindi. The subject of this book is Novel/Fiction. Size of the book is 14.34 x 22.59 cms Vol:-
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