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भीड़ और भेड़िए - बस को... दायीं तरफ़ से आईएएस धक्का ला रहे हैं। बायीं...
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अस्सी की होने चली दादी ने विधवा होकर परिवार से पीठ कर खटिया पकड़ ली।...
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..परसाई जी की रचनायें राजनीति, साहित्य, भ्रष्टाचार, आजादी के बाद का ढोंग, आज के जीवन...
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..परसाई जी की रचनायें राजनीति, साहित्य, भ्रष्टाचार, आजादी के बाद का ढोंग, आज के जीवन...
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"परसाई जी की रचनाएं राजनीति, साहित्य, भ्रष्टाचार, आजादी के बाद का ढोंग, आज के जीवन...
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आलोक पुराणिक ने अपनी रचनाओं से व्यंग्य विधा को एक नया शिल्प और सौन्दर्य प्रदान...
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आलोक पुराणिक ने अपनी रचनाओं से व्यंग्य विधा को एक नया शिल्प और सौन्दर्य प्रदान...
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व्यंग्य आधुनिक साहित्य का अचूक अस्त्र है। विसंगतियों, विडम्बनाओं और पाखंड आदि पर प्रहार करते...
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तमाम दरियाओं की गन्दगी देखकर पता लगता है कि लोग अब दरियाओं में नेकी तो...
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पीयूष पांडे का व्यंग्य-लेखन एकदम नई तरह का इसलिए नहीं है कि ये ख़ुद नए...
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आलोक पुराणिक हमारे रोज़मर्रा जीवन की विसंगतियों की शल्य-क्रिया करनेवाले व्यंग्यकार हैं। ‘बालम, तू काहे...
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