Viraat Purush Shikshavid Nanaji
Regular price
₹ 238
Sale price
₹ 238
Regular price
₹ 250
Unit price
Save 4%
Tax included.
Author | Nana Deshmukh |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9351860792 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.2 kg |
Edition | 1st |
Viraat Purush Shikshavid Nanaji
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
शिक्षा के बारे में नानाजी की कल्पना आम धारणाओं से बहुत भिन्न थी। किताबी शिक्षा को वे व्यावहारिक व मानव-प्रदत्त शिक्षा के सामने गौण मानते थे। उनके लिए शिक्षा व संस्कार एक-दूसरे के पूरक थे; एक-दूसरे के बिना अधूरे। उनका मत था कि शिक्षा व संस्कार की प्रक्रिया गर्भाधान से ही प्रारंभ हो जाती है और जीवनपर्यंत चलती है। नैतिक शिक्षा नानाजी के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण थी और उनका मानना था कि यह लोक शिक्षा के माध्यम से ही प्राप्त हो सकती है। अगर विद्वत्ता को संयत करने के लिए उसे लोक शिक्षा के धरातल पर नहीं उतारा गया तो विद्वत्ता पथभ्रष्ट हो जाएगी।शिक्षा व संस्कारक्षमता का उपयोग करने के लिए उन्होंने शिशु मंदिर की कल्पना की। यह कल्पना साकार हुई 1950 में, जब गोरखपुर में नानाजी के मार्गदर्शन में सरस्वती शिशु मंदिर का श्रीगणेश हुआ। इस शिशु मंदिर का अनुकरण करते हुए देश भर में स्वतंत्र रूप से हजारों सरस्वती शिशु मंदिरों की विशाल शृंखला खड़ी हो गई, जो आज विद्या भारती के मार्गदर्शन में भारत का विशालतम गैर-सरकारी शिक्षा आंदोलन बन गया है। नागपुर का 'बालजगत' प्रकल्प हो या चित्रकूट में 'ग्रामोदय विश्वविद्यालय' का अभिनव प्रयोग, नानाजी ने शिशु अवस्था से लेकर स्नातकोत्तर ���क्षाओं तक शिक्षा व्यवस्था की एक अनूठी योजना देश के सामने रखी।
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.