Vampanthi Kalush-Katha
Author | Tarun Vijay |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9386054142 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.2 kg |
Vampanthi Kalush-Katha
11 मई 1999 का हुए पोकरण-द्वितीय परीक्षण के तीव्र विरोध एवं हाल ही में पाठ्यक्रमों में नियमानुरूप सरल, सहज परिवर्तनों पर 'भगवानकरण' के नाम पर प्रहार-अभियान ने एक बार फिर इस सत्य को रेखांकित किया कि भारतीय बौद्धिक संस्थानों और प्रचार माध्यमों पर एक ऐसा मस्तिष्क अब भी हावी है, जिसकी जडे़ भारत की मिट्टी में नहीं, कहीं और हैं। गांधीजी के भारत छोड़ों आंदोलन के विरुद्ध वह अंग्रेजों के साथ खड़ा था, नेताजी सुभाष बोस को 'तोजो का कुत्ता' कह रहा था, मुस्लिम लीग की देश विभाजन की माँग की वकालक कर रहा था, भारत पर चीन के आक्रमण के समय उसकी भावना चीन के साथ थी। यह राष्ट-विघातक मस्तिष्क ही 'वामपंथ के नाम से कुख्यात है।
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