Unnisavin Barish
Author | Sharmila Jalan |
Language | Hindi |
Publisher | Setu Prakashan |
Pages | 214 |
ISBN | 978-93-92228-23-0 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.284 kg |
Dimensions | 129 x 198 mm |
Edition | 1st |
Unnisavin Barish
About Book
'उन्नीसवीं बारिश’ कथाकार शर्मिला जालान का लीक से हटा हुआ उपन्यास है जिसे काव्यात्मक आस्वाद के साथ पढ़ा जा सकता है। चाहें तो कह सकते हैं कि यह कविता में उपन्यास है या उपन्यास में कविता। कई बार पंक्तियाँ इस तरह आती और लिखी जाती हैं जैसे वे कविता के अंश हों। उपन्यास के भीतर एक पात्र की साहित्यिक रुचि के हवाले से कई शीर्ष कवियों के काव्यांशों का बाकायदा इस्तेमाल भी किया गया है मन:स्थितियों को उभारने और जीवन-स्थितियों का बयान करने के लिए। लेकिन 'उन्नीसवीं बारिश’ कविताई नहीं है, है कथाकृति ही, जिसके केन्द्र में एक युवती है। एक युवक के प्रति आकर्षण से शुरू हुई चारुलता की कहानी अकेलेपन का सफर बन जाती है। यह उपन्यास अकेलेपन की कथा-व्यथा है। सिर्फ चारुलता नहीं, उपन्यास के सभी प्रमुख पात्र अपना-अपना अकेलापन ढोते रहते हैं। उपन्यास जैसे-जैसे आगे बढ़ता है उनकी यह नियति और गहराती जाती है। यों अकेलेपन के समानान्तर यह उपन्यास पितृसत्तात्मकता की विडम्बना को भी उजागर करता है जहाँ बेटी के होते हुए भी रिश्ते के एक लड़के को गोद लेना जरूरी लगता है।
''चारुलता कौन! चारुलता क्या? चारुलता यानी मन! 'मन’ ही यह कहानी है।“ लेकिन यह फ्रायडीय अर्थ में मनोविश्लेषण की कहानी नहीं है। न चेतन, अचेतन के द्वन्द्व की। यह मन के खुलने-खिलने और जुडऩे-टूटने की कहानी है। यह उपन्यास न तो आपको वायवीय धुँधलके में ले जाता है जहाँ कुछ भी पकड़ में नहीं आता, न सीधे-सपाट यथार्थ में, जहाँ कुछ भी अमूर्त नहीं होता। 'उन्नीसवीं बारिश’ की मूर्तन और अमूर्तन की परस्पर आवाजाही—कथा-विधा विरल संयोग है जो इस उपन्यास को एक अभिनव आस्वाद और दीप्ति देता है।
About Author
शर्मिला जालान
जन्म: 7 जुलाई, 1973
शिक्षा : कलकत्ता विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए.. एम.फिल. (कृष्णा सोबती के उपन्यासों में परिवार की शर्मिला जालान अवधारणा)
प्रकाशित कृतियाँ : उपन्यास : 'शादी से पेशतर' ; कहानी संग्रह : 'बूढ़ा चाँद', ‘राग विराग और अन्य कहानियाँ', ‘माँ, मार्च और मृत्यु’।
'बूढ़ा चाँद' का पटना, मुंबई कई जगहों पर मंचन।
युवा-5 (भारत भवन भोपाल, 2017), युवा (रजा फाउंडेशन, 2018) और साहित्य उत्सव (आजतक, 2019) में शिरकत।
पुरस्कार : भारतीय भाषा परिषद, युवा पुरस्कार 2004, कन्हैयालाल सेठिया सारस्वत सम्मान-2017,
कृष्ण बलदेव वैद फेलोशिप-2019
संप्रति : अध्यापन कलकत्ते में पति अमित जालान और बेटे शशांक जालान के साथ निवास।
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