Sitayana (Mahakavya)
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Author | Ganvru Pramod (Pramod Kumar) |
Language | Hindi |
Publisher | Rajmangal Publishers (Rajmangal Prakashan) |
Pages | 362 |
ISBN | 978-9391428655 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.4 kg |
Dimensions | 28*18*4 |
Edition | 1st |
Sitayana (Mahakavya)
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इस 'सीतायण' काव्य सृजन की शुरुआत 02 जून 2021 को हुई थी वह भी "दो जून की रोटी" जुटाने के सिद्धांत व व्यवहार पर। &nbs;दो वक्त की रोटी के बिना जीवन कट ही नही सकता। भारतवर्ष की जनता के हृदय में कविता के प्रति अटूट प्रेमभाव आज भी अतीव प्रबल है। जनता दिनानुदिन वैविध्यपूर्ण कविताओं के लिए उत्कंठित रहती है और जब कविता में जीवन जीने के लिए पथप्रदर्शन मिल जाए तो सोने पे सुहागा।//श्री प्रमोद कुमार अपना लेखनकार्य 'गंवरु प्रमोद' के नाम से करते हैं।&nbs; इनकी अबतक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं 'सफलता के ग्यारह अध्याय' 'कर्म के ग्यारह अध्याय'&nbs; 'उत्सर्ग' (उपन्यास) और 'रामराज्य की परिकल्पना' (नाट्यरचना)।&nbs; यह महाकाव्य रचना 'स्वाभिप्रेरित एकलव्य' इनकी पांचवीं पुस्तक है। एक अनूठी रचना छठी पुस्तक "7.4" जल्द पाठकों को उपलब्ध हो जायेगी। &nbs; 'गंवरु प्रमोद' जी वर्तमान मे भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत ईएसआईसी में सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। ये लेखन के माध्यम से प्रेरणादायक व सामाजिक उत्थानपरक बातों को सबके समक्ष रखते हैं। गुमनाम रहकर जरूरतमंदों की मदद भी करते रहते हैं।&nbs; इंटर कॉलेज के समय से इन्हें लिखने का शौक रहा है। वर्ष 1996 से लेकर लगातार ये कुछनकुछ लिखते रहे हैं।&nbs;&nbs;
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