Rajneeti Ki Lok-Sanskriti
Author | Ram Bahadur Rai |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9353224646 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.565 kg |
Edition | 1st |
Rajneeti Ki Lok-Sanskriti
आधुनिक भारतीय राजनीति और समाज में गोविंदाचार्य ने एक लोक संबद्ध समाजसेवी, राजनीतिकर्मी और चिंतक के रूप में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। राजनैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक चिंतन के ठहराव को गोविंदाचार्य के विचार गतिशीलता के लिए प्रेरित करते हैं, गतिरोध को तोड़ते हैं। वर्तमान भारतीय समाज को बदहाली से मुक्त करने के लिए उन्होंने नितांत मौलिक चिंतन के द्वारा नए रास्ते सुझाए हैं। अगर अपनी दलीय सीमाओं से ऊपर उठकर गोविंदाचार्य के सुझाव पर विचार किया जा सके तो अनेक सार्थक निष्कर्ष सामने आएँगे।यह पुस्तक गोविंदाचार्य की राजनैतिक यात्रा का रेखाचित्र है। यह उनकी जीवनी नहीं है। संस्मरण भी नहीं है। इसमें गोविंदाचार्य को केंद्र में रखकर पिछले 50 वर्षों की राजनीति के संसार को समझने की कोशिश की गई है।________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमसंपादकीयपुरोकथन —Pgs. 7खंड-1समय और जीवन1. अपना विश्वविद्यालय (1964-1974) —ब्रजेश कुमार —Pgs. 212. संघर्ष और रचना (1975-1988) —हिमांशु शेखर —Pgs. 383. दलीय राजनीति के प्रसंग-1 (1988-1993) —मनोज के. झा —Pgs. 634. दलीय राजनीति के प्रसंग-2 (1994-2000) —मनोज के. झा —Pgs. 915. अध्ययन अवकाश की उपलब्धियाँ (2000-2003) —राकेश सिंह —Pgs. 1166. स्वाभिमान आंदोलन से आजतक (2004-2019) —विमल कुमार सिंह —Pgs. 1387. गोविंदाचार्य : क्रमशः जीवन —Pgs. 193खंड-2सवालों के सामने चर्चित मुद्दे और गोविंदाचार्य से बातचीतसाक्षात्कार• भाजपा से विदाई : खबरें और रामबहादुर राय द्वारा साक्षात्कार —Pgs. 199• आर्थिक हमलावरों से देश को बचाइए (बातचीत : राजेश कौशिक, 2000 ई.) —Pgs. 210• राजनीति छोड़ने का फैसला अंतिम (श्यामलाल यादव, 2003) —Pgs. 213• भारतीय समाज सिर्फ सत्ता आधारित नहीं (हर्षित जैन, 2005) —Pgs. 218• समाज आगे और सत्ता पीछे, तभी होगा विकास (विमल कुमार सिंह और ब्रजेश कुमार, 2007) —Pgs. 221• समानांतर राजनीतिक आंदोलन का समय (मनोज के. झा, 2007) —Pgs. 228• जनप्रतिनिधि का फैसला आलाकमान नहीं, जनता करे (गोविंद सिंह, 2007) —Pgs. 232• व्यवस्था परिवर्तन है मेरा लक्ष्य (हिमांशु शेखर, 2008) —Pgs. 237• देश को सार्थक विपक्ष चाहिए (विमल कुमार सिंह और विवेक त्यागी, 2011) —Pgs. 243• अध्ययन अवकाश पर जाने के सिलसिले में पार्टी को लिखा गया पत्र —Pgs. 264• बाजारवाद की अंधी गली : निकलने का रास्ता —Pgs. 266• गोविंदाचार्य के सवाल टाले नहीं जा सकते : रामबहादुर राय —Pgs. 272• बिंदु-बिंदु विचार : गोविंदाचार्य —Pgs. 277• समय के सवाल : गोविंदाचार्य —Pgs. 280परिशिष्टपरिशिष्ट-1प्रस्थान (अध्ययन अवकाश से लौटने के बाद गोविंदाचार्य का पहला सार्वजनिक भाषण) —Pgs. 289परिशिष्ट-2राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन का स्वरूप —Pgs. 308परिशिष्ट-3वे दिन, वे लोग —Pgs. 317
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.