क्रम
नज़में
नक़्श-ए-फ़रियादी
1. आज की रात - 15
2. मुझ से पहली-सी मुहब्बत मेरी महबूब नः माँग - 16
3. सोच - 17
4. रक़ीब से - 18
5. तन्हाई - 19
6. चन्द रोज़ और मेरी जान - 20
7. कुत्ते - 21
8. बोल - 22
9. मौज़ू-ए-सुख़न - 22
10. हम लोग - 24
दस्त-ए-सबा
1. मेरे हमदम मेरे दोस्त - 25
2. लौह-ओ-क़लम - 26
3. तराना - 27
4. दो इश्क़ - 28
5. नोहा - 30
6. निसार मैं तेरी गलियों के - 30
7. शीशों का मसीहा कोई नहीं - 32
8. ज़िन्दाँ की एक सुब्ह - 35
ज़िन्दाँनामा
1. मुलाक़ात - 37
2. दर्द आयेगा दबे पाँव - 39
3. ये फ़स्ल उमीदों की हमदम – 41
4. कोई आशिक़ किसी महबूबा से – 42
दस्त-ए-तह-ए-संग
1. शाम - 43
2. तुम ये कहते हो अब कोई चारा नहीं - 44
3. कैद-ए-तन्हाई - 45
4. हम्द - 46
दो मर्सिंये
1. मुलाक़ात मेरी - 47
2. ख़त्म हुई बारिश-ए-संग - 48
5. कहाँ जाओगे - 49
6. गीत: जब तेरी समंदर आँखों में - 50
7. रंग है दिल का मेरे - 50
8. पास रहो - 51
9. मंज़र - 52
सर-ए-वादी-ए-सीना
1. इन्तिसाब - 53
2. यतीम लहू - 56
3. ऐ वतन, ऐ वतन - 57
4. यहाँ से शहर को देखो - 58
5. गम नः कर, ग़म नः कर - 59
6. ब्लैक आउट - 59
7. सिपाही का मर्सिया - 60
8. सोचने दो - 61
9. हार्ट अटैक - 62
10. हज़र करो मेरे तन से - 63
11. तह-ब-तह दिल की कदूरत - 64
12. तीरगी जाल है - 65
शाम-ए-शहर याराँ
1. मेरे दर्द को जो ज़बाँ मिले - 66
2. पाँवों से लहू को धो डालो - 67
3. ऐ शाम मेहरबाँ हो - 68
4. गीत: चलो फिर से मुस्कुराएँ - 70
5. हम तो मजबूर थे इस दिल से - 71
6. ढाका से वापसी पर - 72
7. बहार आई - 72
8. तुम अपनी करनी कर गुज़रो - 73
9. मोरी अरज सुनो - 74
10. लेनिनग्राड का गोरिस्तान - 75
11. कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया - 76
12. दर-ए-उम्मीद के दरयूज़ागर - 76
13. मर्सिया - ए - इमाम - 77
14. गीत: अब क्या देखें राह तुम्हारी - 81
15. गीत: हम तेरे पास आये - 82
16. ज़िन्दाँ से एक खत - 83
17. वा मेरे वतन - 84
18. सहरा की रात - 84
मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर व अन्य रचनाएँ
1. दिल-ए-मन मुसाफ़िर-ए-मन - 86
2. फूल मुर्झा गये हैं सारे - 87
3. कोई आशिक़ किसी महबूबा - 87
4. वयब्का वजह-ए-रब्बका - 88
5. मंज़र - 89
दो नज़्में
1. शायर लोग से - 90
2. शोपेन का नग़मा बजता है - 91
तीन आवाज़ें
1. जालिम - 93
2. मज़लूम - 94
3. निदा-ए-ग़ैब - 94
येः मातम-ए-वक़्त की घड़ी है-95
1. हम तो मजबूर-ए-वफ़ा हैं - 97
2. पेरिस - 98
3. क्या करें - 99
4. मेरे मिलने वाले - 100
5. गाँव की सड़क - 101
6. गीत: जलने लगीं यादों की चिताएँ - 101
नज्में
नक़्श-ए-फ़रियादी
आज की रात
आज की रात साज़-ए-दर्द नः छेड़
दुख से भरपूर दिन तमाम हुए
और कल की ख़बर किसे मालूम
दोश-ओ-फ़र्दा' की मिट चुकी हैं हुदूद
हो नः हो अब सहर किसे मालूम
ज़िंदगी हेंच ! लेकिन आज की रात
एज़दीयत' है मुमकिन आज की रात
आज की रात साज़-ए- ई नः छेड़
अब न दौहरा फ़साना - हाए-अलम
अपनी क़िस्मत पे सोगवार' नः हो
फ़िक्र-ए-फर्दा' उतार दे दिल से
उम्र-ए-रफ़्ता पे अश्कबार' नः हो
अहद-ए-ग़म' की हिकायतें' मत पूछ
हो चुकीं सब शिकायतें मत पूछ
आज की रात साज़-ए-दर्द नः छेड
ज़िन्दाँनामा
मुलाक़ात
[1]
ये रात उस दर्द का शजर' है
जो मुझसे तुझसे अज़ीमतर' है
अज़ीमतर है के : इसकी शाखों
में लाख मशअल बकफ़ सितारों
के कारवाँ घिर के खो गए हैं
हज़ार महताब, इसके साए
में अपना सब नूर रो गए हैं
ये रात उस दर्द का शजर है
जो मुझसे तुझसे अज़ीमतर है
मगर इसी रात के शजर से
ये चन्द लम्हों के ज़र्द पत्ते
गिरे हैं और तेरे गेसुओं में
उलझ के गुलनार' हो गए हैं
इसी की शबनम' से खामशी के
ये चन्द क़तरे, तेरी जबीं पर
बरस के हीरे पिरो गए हैं
तीन आवाजें
1. ज़ालिम
जश्न है मातम-ए-उम्मीद' का आओ लोगो
मर्ग-ए-अंबोह' का त्यौहार मनाओ लोगो
अद्माबाद' को आबाद किया है मैंने
तुम को दिन रात से आजाद किया है मैंने
जलवा-ए-सुब्ह से क्या माँगते हो
बिस्तर-ए-ख़्वाब से क्या चाहते हो
सारी आँखों को तह - ए - तेग किया है मैंने
सारे ख्वाबों का गला घोंट दिया है मैंने
अब नः महकेगी किसी शाख पे फूलों की हिना
फ़स्ल-ए-गुलआयेगी नमरूद' के अंगार लिये
अब न बरसात में बरसेगी गुहर की बरखा
अब्र आयेगा ख़स-ओ-ख़ार के अम्बार लिये
मेरा मसलक' भी नया, राह-ए-तरीक़त भी नयी
मेरे क़ानूँ भी नये, मेरी शरी' अत' भी नयी
अब फकीहान-ए-हरम' दस्त-ए-सनम" चूमेंगे
सर्व-क़द'' मिट्टी के बौनों के क़दम चूमेंगे
फ़र्श पर आज दर-ए-सिद्क़-ओ-सफ़ा 2 बन्द हुआ
अर्श पर आज हर एक बाब-ए-दुआ" बन्द हुआ