Patrakarita Jo Maine Dekha, Jana, Samjha
Author | Sanjay Kumar Singh |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9380839912 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.25 kg |
Patrakarita Jo Maine Dekha, Jana, Samjha
स्वतंत्रता मिलने के बाद देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित हुई। प्रकारांतर में अखबारों की भूमिका लोकतंत्र के प्रहरी की हो गई और इसे कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका के बाद लोकतंत्र का 'चौथा स्तंभ' कहा जाने लगा। कालांतर में ऐसी स्थितियाँ बनीं कि खोजी खबरें अब होती नहीं हैं; मालिकान सिर्फ पैसे कमा रहे हैं। पत्रकारिता के उसूलों-सिद्धांतों का पालन अब कोई जरूरी नहीं रहा। फिर भी नए संस्करण निकल रहे हैं और इन सारी स्थितियों में कुल मिलाकर मीडिया की नौकरी में जोखिम कम हो गया है और यह एक प्रोफेशन यानी पेशा बन गया है। और शायद इसीलिए पत्रकारिता की पढ़ाई की लोकप्रियता बढ़ रही है, जबकि पहले माना जाता था कि यह सब सिखाया नहीं जा सकता है। अब जब छात्र भारी फीस चुकाकर इस पेशे को अपना रहे हैं तो उनकी अपेक्षा और उनका आउटपुट कुछ और होगा। दूसरी ओर मीडिया संस्थान पेशेवर होने की बजाय विज्ञापनों और खबरों के घोषित-अघोषित घाल-मेल में लगे हैं। ऐसे में इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को यह बताना है कि कैसे यह पेशा तो है, पर अच्छा कॅरियर नहीं है और तमाम लोग आजीवन बगैर पूर्णकालिक नौकरी के खबरें भेजने का काम करते हैं और जिन संस्थानों के लिए काम करते हैं, वह उनसे लिखवाकर ले लेता है कि खबरें भेजना उनका व्यवसाय नहीं है।___________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमकहाँ से कहाँ आ गई पत्रकारिता — Pgs. 7लेखकीय — Pgs. 9पुस्तक परिचय — Pgs. 131. अपेक्षा — Pgs. 172. पत्रकारिता — Pgs. 263. शुरुआत — Pgs. 344. रिपोर्टिंग — Pgs. 435. स्थिति — Pgs. 516. नौकरी — Pgs. 597. हताशा — Pgs. 688. हड़ताल — Pgs. 769. योग्यता — Pgs. 8410. चुनौतियाँ — Pgs. 9211. 'जनसा' — Pgs. 10012. एसप्रेस — Pgs. 10813. प्रोडट — Pgs. 11614. कायापलट — Pgs. 12515. प्रेसटीट्यूट — Pgs. 13416. बैसाखी — Pgs. 14317. अधोगति — Pgs. 15218. अनुभव — Pgs. 16119. जोखिम — Pgs. 16920. उपसंहार — Pgs. 177
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.