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प्रत्येक व्यक्ति में कहीं-न-कहीं कवि छिपा रहता है। व्यक्ति के मन की गुनगुनाहट ही उसका कवित्व है। कविता की एक विशेषता है, वह सहसा आती है और यदि रुक न पाई तो सहसा ही ऐसी लुप्त होती है कि उसकी पंक्तियाँ और स्वरूप को फिर पकड़ पाना कठिन हो जाता है। तब कवि-मन को छटपटाहट होती है। वह विकल्प से मूल भावनाओं की पूर्ति करता है। वहीं कविता कवि की व्यक्तिगत चिंतनधारा से जुड़ जाती है। न कोई निश्चित स्थान, न निर्धारित परिवेश, कवि किसी भी समय, कहीं भी और कभी भी पहुँच जाता है—चाहे सप्रयास, चाहे अनायास। विभिन्न कालखंडों और परिस्थितियों में परिलक्षित मानस, कल्पना-लोक, स्वप्नों के आयाम, हर्ष, वेदना, आक्रोश, आशा, निराशा, सौंदर्य, संघर्ष, शांति, जीवन के शाश्वत मूल्य, अध्यात्मोन्मुख भाव, विराट् तक पहुँचने की साध, ईश्वर, सृष्टि, प्रकृति, अंतर्मन की ध्वनि, यथार्थ, मानव की जीवंतता, जिजीविषा आदि सदैव से काव्य की विषयवस्तु रहे हैं। यही कविता को विविधता प्रदान करते हैं।वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार श्री केशरी नाथ त्रिपाठी की इन कविताओं में दुःख-सुख, आशा-निराशा, पीड़ा-प्रसन्नता आदि जीवन के तमाम अनुभव हैं, पर स्वयं में जीवन नहीं। जीवन का नाम है—कर्म और उपलब्धि के लिए प्रयास। इसी प्रकार अनुराग, स्नेह, प्रेम व प्यार के अलग-अलग रंग हैं। इस संकलन में ऐसे सभी रंगों की छटा बिखरी है।________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रम समर्पण — Pgs. 519. दूर देश से चलकर आई — Pgs. 135भूमिका—जस की तस धर दीनी चदरिया — Pgs. 720. मन तेरे बिन माने ना — Pgs. 137मातु शारदे तुझे मैं प्रणाम कर रहा — Pgs. 1721. बंद वातायन — Pgs. 139मैं अकेला (कविताएँ)22. वेदना के स्वर — Pgs. 1411. मुझको लगता कहीं से तुमने... 2123. कल्पना — Pgs. 1432. बहुत से प्रश्न — Pgs. 2324. बंद वातायन — Pgs. 1453. ओ नियंता सँभल — Pgs. 2625. बिहान — Pgs. 1474. सातवाँ द्वार — Pgs. 2926. अर्थहीन स्पंदन — Pgs. 1515. दंभ — Pgs. 3127. जिंदगी — Pgs. 1526. चरैवेति — Pgs. 3328. नया क्षितिज — Pgs. 1557. कर्मण्येवाधिकारस्ते — Pgs. 3529. कर्तव्य-बोध — Pgs. 1578. आकांक्षा — Pgs. 3730. श्वास — Pgs. 1599. शब्द, जैसे खँडहर हो गए — Pgs. 4031. क्षुधित — Pgs. 16110. बंजारों के बीच कटी इक रात — Pgs. 4232. 'वंदे मातरम्' हम गाएँगे — Pgs. 16311. नेकी क्यों दरिया में डाल — Pgs. 4533. चक्रवात — Pgs. 16612. बादलों का गरजना — Pgs. 4834. गुप-चुप कैसे परिवर्तन आ जाता है — Pgs. 16913. चीथड़े भी बोलते हैं — Pgs. 5035. हे राजनीति के शिखर पुरुष — Pgs. 17114. नारी — Pgs. 5236. जलते रहो, ऐ दीप — Pgs. 17415. पिछड़ गया रेस में एक घोड़ा — Pgs. 5437. मैंने भजा है जय श्रीराम — Pgs. 17616. संबंधों की यात्रा — Pgs. 5738. ओेऽम नमः शिवायः — Pgs. 17817. हरी-हरी कोंपल पर — Pgs. 5939. रक्त बीजों से उठी लौ... 18018. जब मैंने खोली आँखें — Pgs. 6140. शेष — Pgs. 18219. आस्तीन के साँप — Pgs. 6541. लक्ष्य — Pgs. 18420. उग गया एक पेड़ — Pgs. 6742. इस तरह झूमकर चला — Pgs. 18621. विडंबना — Pgs. 6943. बाजी, बाजी बंसुरि बाजी — Pgs. 18822. दिशाहीन — Pgs. 7344. सौगंध सैनिक की — Pgs. 19023. माँ का आँचल — Pgs. 7645. दर्पण सच कैसे बोलेगा — Pgs. 19824. अ-योद्धा — Pgs. 7846. राजनीति — Pgs. 20025. हम जिसे कहते हैं — Pgs. 8047. नया अर्जुन चाहिए — Pgs. 20326. एक मधुवन — Pgs. 8248. संभवामि युगे-युगे — Pgs. 20527. अभिलाषा — Pgs. 8449. ऐसा गीत सदा ही गाना — Pgs. 20728. धुआँ — Pgs. 8650. संकल्प — Pgs. 20929. अंतर्मन — Pgs. 8751. जीवन का कैसा है वितान — Pgs. 21030. जब माँ के आँचल के नीचे — Pgs. 8852. अँजुरी भर प्यार में — Pgs. 21131. अवशेष स्मृतियाँ — Pgs. 9053. आसमानों पर सदा चलते रहे — Pgs. 212मौन साधे मैं खड़ा (गीत)54. अंतःकंरदन — Pgs. 2141. चल नदिया तू धीरे-धीरे — Pgs. 9555. अवसादों में कभी न विचलित हो जाना — Pgs. 2162. मन का मीत कहीं मिल जाए — Pgs. 9756. जीवन-बोध — Pgs. 2173. एक भुवन तुम ले चलो — Pgs. 9857. जो नयन सत्य न देख सकें — Pgs. 2184. बीता है दिन, आई है शाम — Pgs. 100ऐसी पीर न दीजिए (दोहे)5. बूढ़ों में भी बचपन होता है — Pgs. 1021. धर्म — Pgs. 2216. कँपकँपाती एक पाती — Pgs. 1042. आचरण-व्यवहार — Pgs. 2227. होली का धमाल है — Pgs. 1063. इच्छा — Pgs. 2258. आया नव-संवत्सर — Pgs. 1084. कर्म — Pgs. 2269. दिन-रातों में साल कट गया — Pgs. 1105. करुणा — Pgs. 22810. मैं नारद की वीणा का स्वर — Pgs. 1126. जीवन, ईश्वर — Pgs. 22911. मैं अपरिचित इस शहर को ढूँढ़ता हूँ — Pgs. 1157. दुःख, पीड़ा — Pgs. 23112. शब्द-सीमा में बँधा — Pgs. 1178. प्रेम — Pgs. 23313. एक रात सकुची, सिमटी — Pgs. 1199. सत्य-असत्य — Pgs. 23514. मैं महकी तो केशर सुगंध — Pgs. 12210. सद्कर्म — Pgs. 23815. मुझको भी अच्छा लगता है — Pgs. 12511. विविध — Pgs. 23916. विविधा रंगों का यह जीवन — Pgs. 128झुरमुटों के बीच (क्षणिकाएँ)17. पूरब-पश्चिम का बसंत — Pgs. 130क्षणिकाएँ — Pgs. 24718. मौन साधे मैं खड़ा — Pgs. 133

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