Maata pita ki mathapachchi
Author | Gijubhai (Transl. Ramnaresh Soni) |
Language | Hindi |
Publisher | Setu Prakashan |
Pages | 128 |
ISBN | 978-81-89303-21-1 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.27 kg |
Edition | 2nd |
Maata pita ki mathapachchi
About Author
गिजुभाई बधेका
जन्म : 15 नवम्बर, 1885, अवसान : 23 जून, 1939 देश के अग्रणी बाल शिक्षाविद् । वकालत त्याग कर बालशिक्षण में नए प्रयोगों की दिशा में सक्रिय हुए। बच्चों को मारपीट व डाँट-डपट के बजाय प्रेम-प्यार और भरपूर स्वतन्त्रता देकर शिक्षण के सफल प्रयोग किए। मोंटेसरी-पद्धति के सिद्धान्तों को आत्मसात् किया, उन्हें भारतीय सन्दर्भो में अधिक प्रभावी बनाया तथा आयुवर्ग के अनुसार बालकों के लिए अनेकानेक रोचक गतिविधियों का सूत्रपात किया। भावनगर की दक्षिणामूर्ति उनकी साधना-स्थली। सन् 1916 से 1936 के बीच जीवन का प्रत्येक क्षण बालकों से बातचीत, उनके मन को समझने, उनकी व्यथाएँ सुनने, समाधान करने, उनका विश्वास जीतने, इन्द्रिय विकास के खेल ईजाद करने, शान्ति की क्रीड़ा, शैक्षिक भ्रमण, हाथ के काम, संगीत, नाटक, रचनात्मक कामों, बाल संग्रहालय, कहानी द्वारा शिक्षण आदि प्रवृत्तियों के आयोजन में बिताये। दक्षिणामूर्ति बाल-मन्दिर में बच्चे हँसते-मुस्कराते हुए उत्साह-उमंग के साथ जाते और दिन भर मनवांछित गतिविधियों में लीन रह कर जीवन-शिक्षा के उपयोगी पाठ पढ़ते थे। विविध विषयों का शिक्षण भी वहाँ होता था, पर विविध सह-शैक्षिक प्रवृत्तियों से सहयोग-सहकार, परिश्रम, परोपकार, त्याग, ईमानदारी, स्नेह, मैत्री, करुणा, दया और अहिंसा के जो मानवीय गुण बालकों के जीवन में स्वतः विकसित होते थे, वैसा निरालापन अन्यत्र दुर्लभ था।
गिजुभाई प्रयोगवीर शिक्षक ही नहीं थे, बाल-साहित्य के प्रणेता भी थे। उन्होंने गुजराती भाषा में दो सौ बाल-पोथियाँ लिखकर पूरे गुजरात के बालकों को स्वाध्याय की ओर प्रेरित किया। अध्यापकों को बाल-शिक्षण के नूतन सिद्धान्तों एवं विधियों का प्रशिक्षण देने के लिए उन्होंने अध्यापन-मन्दिर स्थापित किया। माता-पिता व अध्यापकों के लिए पन्द्रह पस्तकें लिखीं, जिनमें दिवास्वप्न, कथा-कहानी का शास्त्र, बाल-शिक्षण : जैसा मैं समझ पाया, प्राथमिक शाला में शिक्षक आदि पुस्तकें मुख्य हैं। गाँधीजी ने जो काम राजनीति में किया, वही काम गिजुभाई ने शिक्षा जगत् में किया। महात्मा गाँधी उनकी प्रत्येक शैक्षिक गतिविधि से आश्वस्त थे, तभी तो उनके असामयिक निधन पर उन्होंने लिखा था : 'गिजुभाई के बारे में कुछ लिखने वाला मैं कौन हँ? उनके कार्यों ने तो मुझे सदैव मुग्ध किया है। मुझे दृढ़ विश्वास है कि उनका कार्य आगे बढ़ चलेगा।'
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.