Look Inside
Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra
Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra

Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra

Regular price ₹ 832
Sale price ₹ 832 Regular price ₹ 895
Unit price
Save 7%
7% off
Tax included.
Size guide

Pay On Delivery Available

Rekhta Certified

7 Day Easy Return Policy

Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra

Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra

Cash-On-Delivery

Cash On Delivery available

Plus (F-Assured)

7-Days-Replacement

7 Day Replacement

Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
Read Sample
Product description
यह किताब क्यों खरीदें?
'कवि की वर्तनी : राजेश जोशी पर एकाग्र' वरिष्ठ कवि राजेश जोशी के व्यक्तित्व, कृतित्व पर केंद्रित किताब है, जिसे आलोचक-अध्यापक अनिल त्रिपाठी ने सम्पादित किया है।
विख्यात कवि-लेखक राजेश जोशी के 75 वर्ष पूरे करने के अवसर पर आई किताब 'कवि की वर्तनी' राजेश जोशी की रचनाओं और उनकी रचनाशीलता पर लिखे गए लेखों का संकलन है।
हिन्दी के अन्यतम कवि को, उसकी रचनाओं को बेहद नज़दीक से जानने-समझने में यह किताब मददगार साबित होगी। साहित्य के शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए संग्रहनीय और ज़रूरी पुस्तक।
किताब के बारे में
‘कवि की वर्तनी’ हमारे समय के महत्त्वपूर्ण कवि राजेश जोशी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित है।
राजेश जोशी की जमीन आठवें दशक की कविता की जमीन है जिसे ‘कविता की वापसी’ के रूप में भी जाना जाता है। कविता की वापसी के निहितार्थ जो भी हों पर यहाँ एक बात तो निश्चित है कि इस पीढ़ी के आगमन ने अपनी पूर्ववर्ती कविता से अपने समय की कविता के सम्बन्ध को बदलकर रख दिया। साथ ही अपनी पीढ़ी के ठीक पूर्व की कविता से अपना नया प्रस्थान बिन्दु रचा। जिन कवियों ने यह काम किया राजेश जोशी उनमें अन्यतम हैं। बीसवीं सदी की कविता में ‘पंच महाभूतों’ की खोज और लगभग सबके लिए ‘सघनतम की आँख’ निराला से अपनी पीढ़ी के जुड़ाव और सम्बन्धों की व्याख्या राजेश जोशी के कवि की ही नहीं बल्कि आनेवाली पीढ़ी के लिए भी उपलब्धि है।
पिछले चार दशक से राजेश जोशी की कविता और उनका लेखन न केवल हमारे समय की मुश्किल गिरह को खोलता रहा है बल्कि मनुष्य के पक्ष में सच्ची आवाज की तरह अडिग खड़ा रहा है। इस आवाज की दृढ़ता की जमीन बहुत कड़ी और मजबूत है लिहाजा इसके प्रति प्यार और सम्मान बढ़ता ही गया है। आज वे सबसे चहेते कवियों में शुमार हैं तो उसका कारण यही अडिगता है। आज की हिन्दी कविता का कोई भी नक्शा उनके बिना असम्भव है। रेल की पटरियों के मानिन्द समय और लेखन की यह समानान्तर निरन्तरता बहुत महत्त्वपूर्ण है। अस्सी के बाद के समय का इतिहास कोई चाहे तो इन कविताओं के माध्यम से भी लिख सकता है।
एक जगह नारायण सुर्वे के हवाले से राजेश जोशी ने लिखा है कि कविता कवि के कंधे पर बैठी एक ऐसी अदृश्य चिड़िया है जो कहीं कुछ भी गलत या किसी अपसगुन को घटित होते जैसे ही देखती है वैसे ही चिल्लाने लगती है। लेकिन उसकी आवाज उसी कवि को सुनाई पड़ती है जिसके कान चौकन्ने हों। यह अलग से कहने की जरूरत नहीं कि राजेश जोशी के न केवल कान चौकन्ने हैं बल्कि दृष्टि भी बहुत तीक्ष्ण है।
Shipping & Return
  • Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
  • Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
  • Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
  • Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.

Offers & Coupons

Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.


Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.


You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.

Read Sample

Customer Reviews

Be the first to write a review
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)
0%
(0)

Related Products

Recently Viewed Products