जीवन एक आनन्द : अलकनंदा (Jeevan Ek Anand : Alakhnanda)
Regular price
₹ 90
Sale price
₹ 90
Regular price
₹ 90
Unit price
Save 0%
Tax included.
Author | ???????? ?????? (Mahender Gupta) |
Language | Hindi |
Publisher | Gyan Books |
Pages | 73 p |
ISBN | 978-9356638112 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.0 kg |
Dimensions | 25 X 15 X 5 |
जीवन एक आनन्द : अलकनंदा (Jeevan Ek Anand : Alakhnanda)
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
पुस्तक के बारे में : प्रस्तुत पुस्तक अलकनंदा में मानवता और समाज के बारे में बताया है कि किस तरह हम किस तरह हम एक इंसान बनने रूपी जीवन यापन की गरिमा पल-पल पा सकते हैं। यदि पीड़ा से सीखकर बेहतर इंसान बनने की प्राकृतिक प्रक्रिया से मुस्कुराकर आगे बढ़ना है तो हमें दूसरों की पीड़ा को महसूस कर सकने के लायक संवेदनशीलता लाने की तरफ बढ़ना होगा। यदि अपनी पीड़ा से बचना है तो दूसरों की पीड़ा यानि दर्द को समझना होगा। विनम्रता सहिष्णुता हमें अपने जीवन में सम्मिलित करने चाहिए, हमारा सबसे बड़ा शत्रु है क्रोध। परम पुरुष वही है जो किसी से घृणा न करे। हमें जीवन को सार्थक बनाने के लिये अपने विवेक का प्रयोग करना चाहिये। विभिन्न वक्तव्य, संक्षिप्त लेख उक्तियों से मानवता और समाज में हमें किस तरह रहना चाहिये, आज हम जो कुछ भी करेंगे वही लौटकर हमारे पास आता है। माँ की शिक्षा से ही ईश्वर चन्द विद्यासागर ने अपनी माँ के तीन वचनाे की जगह तीस आभूषण रुपी कार्य किये। संसार में हमें कमल के फूल की तरह अनासक्त जीवन जीना चाहिये स्टीफन हॉकिंग ने कैसे अपनी लाइलाज बीमारी से जूझकर ये साबित कर दिया कि यदि व्यक्ति के अन्दर ज्वंलन्त इच्छा है तो वह सफलता के ऐसे मापदंड स्थापित करता है। लेखक का परिचय : महेन्द्र गुप्ता, पिता के 1952 में, कैराना, जि. श्शामली, उत्तर प्रदेश, से दिल्ली आने पर, कपड़ा फर्निशिंग फेबरिक्स बनाने का कार्य शुरु किया। बचपन में माता-पिता की शिक्षा, दिशा से प्रेरित एवं प्रभु की चैतन्यता से चेतन मन, वचन एवं कर्म से, स्कूल टॉप होते हुए, 18 साल की उम्र से व्यापार में लगकर अंतराष्ट्रीय टैक्नोलॉजी के 1988-89 में लगते हुए, 1998-2000 तक 70 देशों में एक्सपोर्ट होने के साथ-साथ जीवन आनन्दित होता गया। साइंस पढ़ी, हिन्दू कॉलेज, दिल्ली से, बी.कॉम (भ्) किया। 1980 में पत्नी कामिनी के आने से जीवन और सजने लगा। ईश्वर की अपार अनुकंपा से दो पुत्री एवं एक पुत्र का जन्म हुआ।उसके बाद ताने और बाने के विविध रंगों और धागों की विविधता से खूबसूरत डिजाइन, प्रतिदिन नये और नये, समय के साथ-साथ बनते गये। साथ-साथ अन्तर्दृष्टि और एकदा के प्रेरणादायक किस्सों ने जीवन को नई दिशा दी। फिलिंग के साथ-साथ ये रचनाएं एक रूप होकर इक्ट्ठी हो गईं और जीवन आनंदित होता गया। पुस्तक में जीवन के अनुभवों का समावेश है। विषय-सूची 1. जीवन की सार्थकता 2. अहिंसा का पहला पाठ 3. सबसे उत्तम जल 4. प्रेरक जीवन 5. उत्साह का चमत्कार 6. त्याग 7. समर्पण 8. धैर्य का फल 9. सद्भावना से दिल जीतो 10.बड़ा कौन? 11.मदद 12.अहंकार का अंत 13.टांग की मरम्मत 14.असंतोष 15.प्रोत्साहन 16.सही चिंतन 17.रणजीत सिंह का पुरस्कार 18.अहंकार 19.गृहस्थी 20.कर्म का फल 21.उस बूढ़े का घड़ा 22.कड़वी ककड़ी 23.विवेक का प्रयोग 24.उड़ गई उदासी 25.उपकार का बदला 26 कर्मयोग मानव को श्रेष्ठ बनाता हैः 27.प्यार हो, प्यार का विस्तार हो 28.पीड़ा से मिलता है सबक 29.रास्ते होते नहीं कोई न कोई उसे बनाता है 30.जीवन एक साहसिक अभियान है जिसमें हर पल स्वयं को गढ़ना है 31.सादा बर्तन 32.पंखे के पीछे चेहरा 33.सफलता का राज 34.सही गणना 35.अवसर 36.राजा और चित्रकार 37.सच्चा मित्र कौन 38.वह विचित्र गाँव 39.हार या जीत 40.राजा के सवाल 41.राजा और अपराधी 42.शांति और सुख की खोज 43.संकल्प की शक्ति 44.कौन बनेगा वारिस 45.सुख की कमीज 46.मदद का तरीका 47.गाड़ी और पत्थर 48.मालिक और गुलाम 49.वह छोटी लड़की 50.दूसरों के बारे में 51.धैर्य 52.शांति का रहस्य 53.लक्ष्य से भटक जाता है 54.श्रम का सुख 55.विनम्रता 56.सहनशीलता 57.जीवन की सार्थकता 58.छोटे-छोटे काम 59.सदाचरण से सम्मान 60.‘बेकार की चिंता’ 61.हक की रोटी 62.कोई एक रास्ता 63.माँ का प्यार 64.होनहार उत्तराधिकारी 65.बच्चे की ईमानदारी 66.हंसी के सहारे हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है 67.क्षमा जीवन को सुगम बनाती और दुर्घटनाओं से बचाती है 68.निराशा के भंवर में फंसे मन को शांति व सुकून देता है कर्मयोग 69.प्यार की पुचकार 70.सोने जैसा जीवन 71.राजा का सपना 72.आज जो कुछ हम करेंगे वह सब कभी लौटकर आएगा हमारे पास 73.गुलाब सा जीवन 74.जीत की तरह हार को भी हम सहज स्वीकार करना सीख लें 75.जीवन का आनंद लेना है तो वातावरण अनु कूल बनाएं 76.हडबड़ी में लिया कोई भी निर्णय अनिष्ट का कारण बन सकता है 77.गाँव के लोग 78.जरूरत से ज्यादा ई मानदारी ठीक नहीः चाणक्य 79.हर समस्या को हल कर सकता है प्यार 80.अपनी समस्याओं का समाधान दूसरों से खोजने को क्यों कहें 81.पहल करने वाले का जीवन सब के लिए प्रेरणादायक होता है The Title 'जीवन एक आनन्द : अलकनंदा (Jeevan Ek Anand : Alakhnanda) written/authored/edited by महेन्द्र गुप्ता (Mahender Gupta)', published in the year 2023. The ISBN 9789356638112 is assigned to the Paperback version of this title. This book has total of pp. 73 (Pages). The publisher of this title is GenNext Publication. This Book is in Hindi. The subject of this book is Social Science. Size of the book is 13.34 x 21.59 cms Vol:-
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.