Jansankhya Ka Mithak (Paperback)
Author | S.Y. Quraishi |
Language | Hindi |
Publisher | Setu Prakashan |
Pages | 368 |
ISBN | 978-93-93758-62-0 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.27 kg |
Dimensions | 129 x 198 mm |
Edition | First |
Jansankhya Ka Mithak (Paperback)
प्रस्तुत पुस्तक एस.वाई. कुरैशी की चर्चित किताब `The Population Myth` का हिंदी अनुवाद है। जनसंख्या राजनीति के अधिकारी विद्वान एस.वाई. कुरैशी की किताब `जनसंख्या का मिथक` जनसंख्या के आँकड़ों को तोड़-मरोड़कर पेश करने की दक्षिणपन्थी चालबाजी का पर्दा फाश करती है; इस कुचक्र के चलते ही बहुसंख्यकों में जनसांख्यिकी संरचना और स्वरूप को लेकर शक और भय पैदा होते हैं। लेखक ने तथ्यों और आँकड़ों के ज़रिये यह दर्शाया है कि इस तरह की शंका और डर बेबुनियाद हैं और नियोजित जनसंख्या नीति सभी समुदायों के हित में हैं।
About the Author:एस.वाई. कुरैशी भारतीय प्रशासकीय सेवा में १९७१ में जुड़े और देश के १७वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने। उन्होंने कई चुनाव सुधार की शुरुआत की। उन्होंने मतदाता शिक्षा विभाग, खर्च निगरानी विभाग, इण्डिया इण्टरनेशल इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेमोक्रेसी एण्ड इलेक्शन मैनेजमेंट का गठन किया और राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत की।
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