Azad Bachpan Ki Ore
Author | Kailash Satyarthi |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 978-9351867265 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.44 kg |
Edition | 1 |
Azad Bachpan Ki Ore
अस्सी के दशक के बाद से विगत कुछ वर्षों तक लिखे गए मेरे लेखों ने बाल मजदूरी, बाल दुर्व्यापार, बाल दासता, यौन उत्पीड़न, अशिक्षा आदि विषयों को सैद्धांतिक और व्यावहारिक आधार दिया। जहाँ तक मेरी जानकारी है, ये बच्चों के अधिकारों से संबंधित विषयों पर लिखे गए सबसे शुरुआती लेख हैं।मैं आपको विनम्रतापूर्वक बताना चाहूँगा कि ये लेख ऐसे ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जिन्होंने भारत में ही नहीं, दुनिया भर में बाल अधिकारों के आंदोलन को जन्म दिया। साधारण लोगों से लेकर बुद्धिजीवियों, कानून निर्माताओं तथा संयुक्त राष्ट्र संघ तक में हलचल पैदा की।मैंने पैंतीस सालों में इन्हीं विचारों की ताकत को संगठनों व संस्थाओं के निर्माणों, सरकारी महकमों के गहन शोध प्रबंधों, कॉरपोरेट जगत् की नीतियों, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सरकारी बजटों में परिवर्तित होते देखा है।—कैलाश सत्यार्थी______________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________________अनुक्रमलेखकीय — 5मुति का सपना1. कैसे बचे बचपन — 152. बाल-मित्र समाज के निर्माण की ओर — 363. बच्चों से जुड़े बड़ों के सवाल — 79बचपन की आजादी1. ��दृश्य गुलामी है घरेलू बाल मजदूरी — 912. मानव अधिकार और बाल-श्रम — 953. बाल-श्रम उन्मूलन से गुजरता है विकास का रास्ता — 1034. जरूरत बाल-मित्र मानसिकता की — 1075. कब मिलेगा घरेलू कामगारों को न्याय? — 1116. बच्चे नहीं है राजनीतिक दलों की प्राथमिकता — 1147. कैसे बने बाल-मित्र बिहार — 1178. घरेलू बाल मजदूरी पर प्रतिबंध से उपजे सवाल — 1209. इतनी विसंगतियों के चलते कैसे मिटे बाल मजदूरी — 12510. जवाबदेही के नए सत्याग्रह की जरूरत — 129बिकता बचपन1. बाल व्यापार का समाजशास्त्र — 1372. जानवरों से भी सस्ते बिकते बच्चे — 1423. न्यायिक सक्रियता से टूटेगा गुमशुदगी और बाल यौन शोषण का दुष्चक्र — 1454. बाल तस्करी का नया केंद्र बन रहा है असम — 1505. त्रासदी, बच्चे और दुर्व्यापार — 155बचपन की सुरक्षा1. सामाजिक सुरक्षा और कानून के कवच से बचेगा बचपन — 1612. किताबों तक सीमित हैं बच्चों के हक के कानून — 165टूटेंगी दासता की बेड़ियाँ1. बाल-श्रम उन्मूलन के लिए सत कानून की दरकार — 1732. सरकारी तंत्र को जवाबदेह और संवेदनशील बनाने की जरूरत — 1773. किशोर न्याय अधिनियम कैसे प्रभावकारी हो? — 1824. बाल-श्रम प्रतिबंध के नाम पर हो रहा है भद्दा मजाक — 1865. बच्चों के प्रति दोस्ताना व्यवहार की जरूरत — 1916. बाल अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलनों के महान् प्रेरणास्रोत बने रहेंगे मदीबा — 196शिक्षा-मुति का औजार1. शिक्षा से खुलता है तरकी का दरवाजा — 2012. एक सपना जो सच हुआ — 2063. सबके लिए शिक्षा के बगैर संभव नहीं है विकास — 2124. हाशिए पर तिबती बच्चे — 216बच्चे और धर्म1. बच्चों को मत दो सांप्रदायिक पहचान — 2232. अयोध्या की गलियों में भीख माँगते रामलला — 2273. पहचान के संकट से जूझते रामलला — 2304. ईश्वर-धर्म की हकीकत और समाज-परिवर्तन — 235
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