Anokhi
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Author | Keshav Viveki |
Language | Hindi |
Publisher | Rajmangal Publishers (Rajmangal Prakashan) |
Pages | 221 |
ISBN | 978-9388202732 |
Book Type | Paperback |
Item Weight | 0.4 kg |
Dimensions | 28*18*4 |
Edition | 1st |
Anokhi
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’अनोखी’ उपन्यास इक्कीसवीं सदी के भारत के बदलते स्वरूप को दर्शाता है। इस कथा लीला के पात्र भले ही काल्पनिक हो लेकिन आधुनिकता की मानसिकता को दर्शाने में सफल रहे हैं। पाठकों के लिए सबसे रोचक बात यह है कि जिस प्रकार से हमारे जीवन में उतारचढ़ाव व्यस्तता स्वार्थ और धर्मिता इत्यादि बातें सर्वोपरि है इसमें बढा़चढा़ कर दिखाया गया है।brपात्र ’नारी’ से ही इस उपन्यास का संकलन हों सका है इसलिए उपन्यास में नारी के प्रति समाज का बोध व जागरूकता के अद्भुत स्वरूप को दिखाने का प्रयास हुआ है। हर कदम पर मानव मूल्यों का सामूहिक आकलन करते हुए सामाजिक मानसिक अस्थिरता को भी व्यक्त किया गया है। वर्तमान की सबसे बड़ी समस्याओं में एक बड़ी समस्या असंतोष है जिसका शायद हल नहीं है और साथ ही साथ नज़रिए का अभाव पाया जा रहा है। इन सारे दृष्टांतों को इस उपन्यास के माध्यम से दर्शाया गया है।brबदलते लोग व उनके चाहत की कोई सीमा नही है। आज की विडंबना यह भी है कि सभी को प्रसन्न करना आसान नहीं है। मतलबी दुनिया की बुनियाद कुछ और ही है। प्रेम और त्याग की पाठशाला की अनोखी अनुभूति की कलात्मक प्रदर्शन ही ’अनोखी’ है। पाठकों की जागरूकता और पढ़ने की रसात्मकता को बरकरार रखा है ताकि उपन्यास को प्रारंभ कर अंत तक पहुँचा जा सके। कामना यहाँ पर अनेकों है पर लगाव की मर्यादा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।br&nbs;इस दुनिया में अपार संभावनाएं हैं। साथसाथ देखा जाए तो प्रकृति विचरण भी लगा हुआ है। इस छोटे से प्रयास में व्यक्ति की सोच और आने वाली परिणाम पर विशेष ध्यान दिया गया है।&nbs;brउपन्यास में सजीवता से जुड़े पात्रों की आपसी मानवी क्रियाएं भी प्रस्तुत है।br&nbs; &nbs; &nbs; ’अनोखी’ उपन्यास अपने आप में अनोखा है। स्त्री जाति जिस प्रकार से जन्म लेकर संसार के बंधनों को बरकरार रखती है और समाज के प्रत्येक किरदारों का पहल करते हुए दुनिया के मंच से अपनी छाया लेकर लौट जाती है। यही कुछ बातें विशेष रूप में इस उपन्यास में अवतरित है। सभ्यता और संस्कृति के अमुक उदाहरणों में एक ’अनोखी’ उपन्यास वास्तव में अनोखा उद्धरण है।br/युवा हिन्दी लेखक केशव विवेकी जिला गाजीपुर उत्तर प्रदेश के एक गाँव रायपुर से ताल्लुक रखते हैं. केशव विवेकी इस समय हिन्दी साहित्य से स्नातक के लिए अध्ययनरत हैं./
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