Aag Aur Phoos
Regular price
₹ 190
Sale price
₹ 190
Regular price
₹ 200
Unit price
Save 5%
Tax included.
Author | Anand Prakash Jain |
Language | Hindi |
Publisher | Prabhat Prakashan Pvt Ltd |
ISBN | 818-8267104 |
Book Type | Hardbound |
Item Weight | 0.4 kg |
Edition | 1st |
Aag Aur Phoos
Product description
Shipping & Return
Offers & Coupons
सौंदर्य की सराहना करने का, उसे अपने भीतर प्रतिबिंबित देखने का मेरा दर्पण इतना अधिक चितकबरा हो गया कि मुझे अब कहीं नारी का सौंदर्य ही दिखाई नहीं पड़ता। मुझे इससे मानसिक पीड़ा अनुभव होती है। मैं नरम और गीले फूस की तरह, चारों ओर फैली हुई आग के बीच निर्द्वंद्व घूमता फिरता और मन में इस अभिमान को सँजोए रहा कि आग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती। किंतु कुछ ही दूर चलने पर मैंने ठिठककर देखा कि मेरा मिथ्याभिमान चूर-चूर हो गया है। मैंने अपने को विरक्ति के पानी से गीला कर रखा था, इसलिए आग कभी मेरे शरीर को प्रज्वलित नहीं कर सकी; किंतु सहसा ही मुझे लगा कि मेरा सारा अंतर भीतर-ही-भीतर सीझकर कभी का झुलस गया है और मेरा तन आग के धुएँ से काला पड़ गया है। मैं इस आग को अब और अधिक सहने में असमर्थ हूँ। नर और नारी के बीच अवैध संबंधों के विरुद्ध जो प्रतिबंध हमारे सामाजिक विधि-विधान ने लागू किए हैं उनका इतनी अधिक सतर्कता से पालन किया जाता है कि घूरकर देखते-देखते समाज की आँखों में मोतियाबिंद पड़ गया है। उसके शरीर में वासना का कोढ़ फूट निकला है। जो लोग अपनी निर्दोषिता पर गर्व करते हैं वे ही उसके हाथ जल्दी आते हैं; क्योंकि निर्भय होकर विचरना ही उनका सबसे बड़ा दोष होता है। —इसी उपन्यास से
- Sabr– Your order is usually dispatched within 24 hours of placing the order.
- Raftaar– We offer express delivery, typically arriving in 2-5 days. Please keep your phone reachable.
- Sukoon– Easy returns and replacements within 7 days.
- Dastoor– COD and shipping charges may apply to certain items.
Use code FIRSTORDER to get 10% off your first order.
Use code REKHTA10 to get a discount of 10% on your next Order.
You can also Earn up to 20% Cashback with POP Coins and redeem it in your future orders.