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ये दस्तावेज़ हैं भगतसिंह की जेल डायरी, उन्होंने जो पुस्तकें पढ़ीं, उनके सारांश और उद्धरण। इनके अस्तित्व का ज्ञान भारतीय पत्र-पत्रिकाओं से हुआ। 1968 में भारतीय इतिहासकार जी. देवल ने 'पीपुल्स पाथ' पत्रिका के लिए 'शहीद भगतसिंह' लेख लिखा, जिसमें उन्होंने 200 पृष्ठों की एक कॉपी का ज़िक्र किया और बताया कि उसमें अनेक विषयों पर भगतसिंह के नोट हैं, जिनसे उनकी रुचि की व्यापकता का पता चलता है। कॉपी में पूँजीवाद, समाजवाद, राज्य की उत्पत्ति, कम्युनिज्म, धर्म, समाजविज्ञान, भारत, फ्रांस की क्रांति, मार्क्सवाद, सरकार के रूप परिवार और अंतरराष्ट्रीयतावाद पर नोट हैं।
Description
ये दस्तावेज़ हैं भगतसिंह की जेल डायरी, उन्होंने जो पुस्तकें पढ़ीं, उनके सारांश और उद्धरण। इनके अस्तित्व का ज्ञान भारतीय पत्र-पत्रिकाओं से हुआ। 1968 में भारतीय इतिहासकार जी. देवल ने 'पीपुल्स पाथ' पत्रिका के लिए 'शहीद भगतसिंह' लेख लिखा, जिसमें उन्होंने 200 पृष्ठों की एक कॉपी का ज़िक्र किया और बताया कि उसमें अनेक विषयों पर भगतसिंह के नोट हैं, जिनसे उनकी रुचि की व्यापकता का पता चलता है। कॉपी में पूँजीवाद, समाजवाद, राज्य की उत्पत्ति, कम्युनिज्म, धर्म, समाजविज्ञान, भारत, फ्रांस की क्रांति, मार्क्सवाद, सरकार के रूप परिवार और अंतरराष्ट्रीयतावाद पर नोट हैं।
Additional Information
Title |
Default title
|
Publisher |
Prabhakar Prakashan |
Language |
Hindi |
ISBN |
978-9356821330 |
Pages |
225 |
Publishing Year |
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